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जाप में ॐ का उपयोग करते हैं, तो एक अंक बढ़ जाता है; इस आठवें अंक को उपर्युक्त संख्या से गुणा करने पर निम्न संख्या प्राप्त होगी
5040x8 = 40320 द्वितीय में पाँच अक्षर हैं – ‘णमो सिद्धांण' । इसका गुणनफल
1x2x3x4x5 = 120 तृतीय पद ‘णमो आयरियाणं' के सात अक्षर हैं। इसका गुणनफल
___1x2x3x4x5x6x7 = 5040 चतुर्थ पद ‘णमो उवज्झायाणं' के भी सात अक्षर हैं। इसका गुणनफल
1x2x3x4x5x6x7 = 5040 अंतिम पांचवें पद ‘णमो लोए सव्व साहूणं' में नौ अक्षर हैं। इसका गुणनफल
___1x2x3x4x5x6x7x8x9 = 362880 उपर्युक्त पाँचों पदों की संख्याओं का जो योग आये, महामंत्र का जाप उतना किया जाये। पाँचों संख्याओं का योग-40320+120+5040+5040+362880 = 373400
तीन लाख तहेत्तर हजार चार सौ जाप करनेवाले व्यक्ति को स्वास्थ्यलाभ, पुत्रलाभ, धनलाभ, समाज में यशलाभ आदि निश्चित होगा- इसमें सन्देह नहीं।
अक्षरांक-विधि – महामंत्र के प्रत्येक पद के अक्षरों को मातृकाओं के अनुसार क्रमानुसार लिखने पर जो संख्या आये वह संख्या मंत्र जाप से होने वाले लाभ से संबंधित होगी। अक्षरों की संख्या हिन्दी वर्णमाला' के 16 स्वर 'अ' से 'अं' तक, 'क-वर्ग' से 'प-वर्ग' तक के व्यंजन एवं 'य' से 'ह' तक के वर्गों के आधार पर प्रस्तुत की जाये। जैसे णमो में 'ण' का अक्षर 'ट-वर्ग' का पाँचवाँ अक्षर एवं 'मो' का 'म' अक्षर 'प-वर्ग' का पाँचवाँ अक्षर है। णमो शब्द की संख्या 55 हुई। अरिहंताणं की संख्या में अ-1, रि-2, हं-4, ता-1, और ण-5 के अंक हैं। पूरे पद की संख्या हुई 5512415 पचपन लाख बारह हजार चार सौ पन्द्रह।
पाँचों पदों की संख्या एवं योग क्रम सं० पद
अक्षर संख्या संख्याओं का योग 1. णमो अरिहंताणं 5512415 = 23=2+3 = 5 2. ' णमो सिद्धाणं
55345 = 22%32+2=4 3. णमो आइरियाणं 5521215 = 21%2+1=3 4. णमो उवज्झायाणं 5554415 = 29=2+9 = 11 = 1+ 1 = 2 5. णमो लोएसव्वसाहूणं 553234345 = 34=3+4 = 7
उपर्युक्त पदों में सबसे कम संख्या 55345 द्वितीय पद की है। पद संख्या पाँच के अंकों की संख्या पचपन करोड़, बत्तीस लाख, चौंतीस हजार, तीन सौ, पैंतालीस है। जो
प्राकृतविद्या अप्रैल-जून '2000
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