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विविध अंगों का ससन्दर्भ प्रकाशन हो। (5) पूर्वोक्त कातन्त्र-विस्तर, दुर्गवृत्ति द्वयाश्रय काव्य एवं प्राकृत-मिश्रित बालावबोध टीका
का सम्पादन एवं प्रकाशन शीघ्र ही किया जाय।
इस संगोष्ठी में देशभर से आये लगभग पचास केन्द्रिय विद्यालय के संस्कृत अध्यापकों, स्थानीय शताधिक संस्कृत विद्वानों, जिज्ञासु शोधछात्रों एवं समाज के व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। इसप्रकार यह संगोष्ठी अत्यंत गरिमापूर्वक सम्पन्न हुई।
–सम्पादक ** प्राकृतभाषा विभाग की गौरवपूर्ण उपलब्धियाँ श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ (मानित विश्वविद्यालय), नई दिल्ली110016 में नवस्थापित प्राकृतभाषा विभाग ने शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम हासिल करके अपनी सार्थकता ज्ञापित की है। विशेष उल्लेखनीय बात यह भी रही है कि इस शैक्षणिक सत्र में सम्पूर्ण विश्वविद्यालय में सर्वश्रेष्ठ तीनों स्थान इसी विभाग के छात्र-छात्राओं ने प्राप्त किये हैं। विभाग के परीक्षा परिणाम निम्नानुसार हैंआचार्य द्वितीय वर्ष - परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत प्रथम स्थान - श्रीमती रंजना जैन
- 85.9% द्वितीय स्थान - श्रीमती अमिता जैन
82.5% तृतीय स्थान - अमित जैन
80.1% विशेष उल्लेखनीय बात यह भी रही कि 11 छात्रों में 7 वरीयता सूची में (75% से अधिक), 3 छात्र प्रथमश्रेणी में तथा 1 छात्र द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ। आचार्य प्रथम वर्ष
- परीक्षा-परिणाम शत-प्रतिशत प्रथम स्थान - सुश्री प्रीति अग्रवाल
- 74.4% प्राकृत प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम - परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत प्रथम स्थान - (1) श्रीमती बिंदु जैन
96.5% (2) श्रीमती ममता जैन
96.5% द्वितीय स्थान - श्रीमती ऋतु जैन
93% तृतीय स्थान - श्रीमती सरोज श्रीवास्तव
90% डिप्लोमा पाठ्यक्रम - परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत प्रथम स्थान - कु० लीना जैन
91% द्वितीय स्थान - श्रीमती सरिता जैन
- 90% तृतीय स्थान - रजनीश शुक्ल
- 85%
—संपादक ** डॉ० मनोरमा जैन को बधाई पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी द्वारा प्रकाशित एवं श्रीमती डॉ० मनोरमा जैन द्वारा
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प्राकृतविद्या अप्रैल-जून '2000