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________________ विभिन्न क्रियाओं का गूढ़ अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इसके अलावा वे बच्चों और वयस्कों तक का गर्भ की याद करने के लिए प्रेरित करते हैं। इस तरह से पिअरे वोल्ट ने गर्भ की बातें याद करनेवालों के खासे रिकार्ड एकत्र कर लिये हैं। उन्होंने एक परीक्षण में देखा कि गर्भ ठहरने के बाद जब माँ को स्राव हुआ, तो उसे भी शिशु ने याद रखा। उसने इसे माँ के प्रति इस आशय का आक्रोश बताया कि 'माँ मुझे गर्भ में नहीं रखना चाहती थी। वह चाहती थी कि गर्भपात हो जाये। इसीप्रकार के प्रयोग मनोवैज्ञानिक बिल स्वाटिघी ने भी किये हैं। उन्होंने ऐसे ही बच्चों को परखा, जिन्होंने गर्भ में रहते हुए कटु अनुभवों को सुखद अनुभवों से ज्यादा याद रखा। पाँच साल या इससे ऊपर की आयु में घटी बातों की धुंधली याद तो प्राय: सभी को रहती है। मगर वैज्ञानिकों के अनुसार एक नवजात शिशु भी उस घड़ी को याद रख सकता है, जब वह पैदा हुआ था। इस दिशा में ब्रिटेन के फ्रैंक लेक और अमरीका के जाविद फेहर ने विशिष्ट प्रयोग किये हैं। उन्होंने बच्चों को प्रेरित कर जन्म के क्षेत्र याद दिलाये और उन्हें इसमें काफी सफलता भी हाथ लगी। इसीतरह के प्रयोग चेकेस्लोवाकिया के स्टॉन ग्राफ ने भी किये हैं। उन्होंने कई मानसिक रोगियों को अपने जन्म के क्षणों में फिर से पहुँचने को प्रेरित किया; अपने कई प्रयोगों से उन्होंने सही बातें पकड़ी भी। स्टोन ग्राफ ने पाया कि कुछ बच्चों को वयस्क होने तक माँ से बेहद लगाव रहता है। इसका कारण यह है कि एक तो माँ ने इन्हें काफी सुखद स्थिति में जन्म दिया। दूसरे वह अपनी माँ के उतने निकट रहे कि उनका मन बार-बार बचपन के क्षणों की याद करता और वह उसी स्थिति लौटने के लिए बेताब रहते। ऐसे बच्चों को माँ के आंचल में छिपकर पहली बार के स्तनपान की भी याद रही। वयस्क होने के बाद भी यह बच्चे खोये-खोये से रहते हैं और वे चाहकर भी नहीं जान पाते कि उन्हें किसकी तलाश है। उनकी आंखों में अक्सर माँ का आंचल तैर जाता है। इसके ठीक विपरीत कुछ परीक्षण ऐसे भी आये हैं, जिनमें बच्चे लम्बे समय तक माँ के प्रति विरोध व्यक्त करते थे। स्टॉन ग्राफ के अनुसार प्रसव-वेदना जब लम्बी चलती है, तो माँ के गर्भाश्य में संकुचन होता है और गर्भाश्य का छिद्र लगभग बंद हो जाता है। इस दशा में उसे अधिक दबाव का अनुभव होता है। इसके कारण बच्चे अपने जन्म को कष्टपूर्ण मानते हैं। इसके लिए वह माँ को दोषी मानकर चलता है। उसके प्रति आक्रोश की भावना कई परीक्षणों में इस आक्रोश को काफी लम्बे समय तक पाया गया है। परीक्षणों में ऐसे लोगों को जब उस सब को याद करने के लिए प्रेरित किया गया, तो उन्होंने उसे कष्टदायी क्षणों के रूप में याद किया। ___ कई बार ऐसा भी पाया गया है कि गर्भ में ठहरा बच्चा प्रसव के लिए माँ की सहायता भी करता है। वह स्वयं ऐसी गति पैदा कर लेता है कि कम प्रसव-वेदना से जन्म हो जाता 1072 प्राकृतविद्या जनवरी-मार्च '2000
SR No.521361
Book TitlePrakrit Vidya 2000 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2000
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size14 MB
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