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________________ परिचित हो रही है। स्थानीय समाज का कहना है कि किसी भी मुनिराज के ऐसे नियमित एवं अत्यन्त सरलभाषा शैली में होते हुए भी इतने सूक्ष्मतत्त्वज्ञान से ओतप्रोत प्रवचन हमने आज तक नहीं सुने हैं। पूज्य आचार्यश्री के प्रवचनों के कारण समाज में अपूर्व धर्मप्रभावना हो रही है। -मुनीश्वर प्रसाद जैन ** संस्कृत विद्यापीठ में 'प्राकृतभाषा विभाग' का शुभारम्भ श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ (मानित विश्वविद्यालय), नई दिल्ली16 में सत्र 1998-99 से प्राकृतभाषा के स्वतंत्र विभाग का शुभारम्भ केन्द्र सरकार की अनुमति से विधि सम्मत तरीके से हुआ है। इसकी स्थापना के पूर्व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नियमावली के अनुसार प्रयोग के तौर पर प्राकृतभाषा के अंशकालीन पाठ्यक्रम (प्रमाणपत्रीय एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम) तीन वर्ष पूर्व सत्र 1996-97 से प्रारंभ किये गये थे। दो वर्षों में उनकी सक्रियता, पाठ्यपुस्तकों के निर्माण, जनरुचि एवं सफल संचालन को दृष्टिगत रखते हुए पूरी रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं केन्द्र सरकार ने इस विभाग की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की एवं अपेक्षित संसाधन भी विद्यापीठ को प्रदान किये। उन्हीं के द्वारा इस विद्यापीठ में प्राकृतभाषा के एक उपाचार्य (रीडर) एवं एक व्याख्याता (लेक्चरर) के पद प्रारम्भिक रूप में निर्मित हुए। इन पर विधिवत् नियुक्तियाँ भी हो चुकी हैं एवं नियुक्त विद्वानों ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। इनकी नियक्तियों के पूर्व डॉ० देवेन्द्र जी शास्त्री नीमच, प्रो० राजाराम जी जैन, आरा एवं डॉ० उदयचंद जी जैन उदयपुर वालों का 'अतिथि आचार्य' (गस्ट फैकल्टी) के रूप में महत्त्वपूर्ण योगदान शैक्षणिक-कार्य में रहा है। __प्राकृतभाषा विभाग में उपाचार्य' (रीडर) पद पर डॉ० सुदीप जैन की नियुक्ति हुई है तथा 'व्याख्याता' (लेक्चरर) पद पर डॉ० (पं०) जयकुमार उपाध्ये की नियुक्ति हुई है। ___ इस शुभकार्य के लिए प्राकृतविद्या' परिवार केन्द्र सरकार एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सम्बद्ध महानुभावों, विद्यापीठ के कुलाधिपति श्री के०पी०ए० मेनॉन जी, संस्थापक कुलपति डॉ० मण्डन मिश्र जी एवं वर्तमान कुलपति प्रो० वाचस्पति उपाध्याय जी का हृदय से आभार मानता है कि प्राकृतविद्या के क्षेत्र में इन सब महानुभावों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। आशा है यह विभाग दिनोंदिन और अधिक उन्नति की ओर अग्रसर रहेगा। -प्रकाशक ** प्राकृतभाषा पाठ्यक्रम के सत्र 1998-99 के परीक्षा-परिमाण श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ (मानित विश्वविद्यालय), नई दिल्ली110016 में तीन वर्षों से शानदार उपलब्धियों के साथ संचालित प्राकृतभाषा के प्रमाणपत्रीय एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के सत्र 1998-99 के परीक्षा-परिणाम निम्नानुसार हैं प्राकृतविद्या जुलाई-सितम्बर '99 र'99 00 97
SR No.521355
Book TitlePrakrit Vidya 1999 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year1999
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size10 MB
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