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२०) गोशालक के आक्षेप-आर्द्रक के जवाब २१) गोशालक के आक्षेप-आर्द्रक के जवाब २२) आर्द्रक-गोशालक : सवाल-जवाब २३) आहारपरिज्ञा और पिण्डैषणा २४) सापेक्षतावाद : सूत्रकृतांग की दृष्टि से २५) 'पुण्डरीक' अध्ययन में खण्डन-मण्डन २६) सूत्रकृतांगाच्या द्वितीय श्रुतस्कंधाचे सार २७) आर्द्रक-गोशालक : आक्षेप व समाधान २८) हस्तितापसांना यथोचित उत्तर २९) मित्रदोषप्रत्ययिक क्रियास्थान ३०) आचारश्रुत' अध्ययनाचा विषय ३१) सद्य:कालीन परिप्रेक्ष्य में सूत्रकृतांग ३२) 'प्रत्याख्यानक्रिया' अध्ययन का महत्त्व ३३) प्रत्याख्यान का महत्त्व ३४) सूत्रकृतांग (२) मध्ये प्रतिबिंबित सामाजिक अंश ३५) अद्दगस्स कहाणय ३६) आया अपच्चक्खाणी' सूत्र का भावार्थ ३७) प्रत्याख्यान क्यों करना चाहिए ? ३८) सूत्रकृतांग और मुण्डकोपनिषद : एक तुलना ३९) अनेकान्तवाद : आक्षेप, मर्यादा व समाधान ४०) प्रत्याख्यानक्रिया आणि 'नालंदीय'मधील प्रत्याख्यान ४१) सूत्रकृतांग (२) के अध्ययनों का विषयानुसारी महत्त्व ४२) आया अपच्चक्खाणी' सूत्र का भावार्थ ४३) आदर्श श्रावक ४४) सूत्रकृतांग (२) : एक अनुचिंतन ४५) प्रत्याख्यानक्रिया ४६) सूत्रकृतांग (२) अध्ययनांचे विषयानुसारी महत्त्व ४७) गाथापति-चोर-विमोक्षण न्याय ४८) आर्द्रक और शाक्यभिक्षु का वार्तालाप ४९) हस्तितापस के मत का संभाव्य खण्डन ५०) सूत्रकृतांग (२) के अध्ययनों का विषयानुसारी महत्त्व ५१) अप्रत्याख्यान आणि प्रत्याख्यान : एक चिंतन ५२) सूत्रकृतांग (२) : काही विशेष व्यक्तिरेखा ५३) आर्द्रक-गोशालक के आक्षेप और समाधान
(सवाल-जवाब के रूप में) ५४) सूत्रकृतांग : एक संपूर्ण आगम ५५) सूत्रकृतांग (२) : एक चिंतनसप्तक ५६) आर्द्रकाचे गोशालकाला उत्तर
भटेवरा विमल भुरट शशिकला छाजेड भगवानदास छाजेड रेखा चोपडा मंजु चोरडिया मधुबाला चोरडिया शकुंतला डागलिया लता देसडला साधना धोका अनीता गुंदेचा शोभा गोठी मंगला कर्नावट कमल कर्नावट सविता कटारिया संगीता कांकरिया आशा कांकरिया निर्मला केमकर शकुंतला कुलकर्णी मनीषा कोठारी चंचला खणसे पारमिता खिंवसरा अरुणा खिंवसरा मीनल ललवाणी प्रतिभा लुंकड कमला लोढा मदन लोढा शोभा मालु बालचंद मुनोत सविता मुनोत संगीता मुथा अनीता मुथा कल्पना मुथा ज्योत्स्ना
नहाटा संगीता नहार संगीता निर्वाण अर्जुन ओसवाल ललिता