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सूत्रकृतांग श्रुतस्कन्ध (२) के विविध आयाम
(१) प्रास्ताविक साम्प्रत काल में किसी भी ज्ञानशाखा की पदवी या पदव्युत्तर पदवी प्राप्त करने का तरीका बदल गया है। हर एक विद्यार्थी को सालभर किये हए अध्ययन पर आधारित 'प्रेझेंटेशन' देना पडता है। हमने सोचा कि, जब हम आगमों का अध्ययन पूरे शैक्षणिक स्तर पर कर रहे हैं तब हर एक विद्यार्थी को चाहिए, कि वह लगभग दस मिनिटों का एक प्रेझेंटेशन सबके सामने करें । सन्मति-तीर्थ संस्था में आकर, सूत्रकृतांग के द्वितीय श्रुतस्कन्ध का अध्ययन करनेवाले विद्यार्थियों ने १३ एप्रिल २०१३ को अपने लघनिबन्ध पढे ।
कुल ६७ निबन्ध सुबह १० से लेकर शाम ५ तक प्रस्तुत किये गये । सबसे लोकप्रिय विषय प्रत्याख्यानक्रिया' था । विशेषतः ‘आया अपच्चक्खाणी' इस सूत्र के स्पष्टीकरणात्मक निबन्ध लगभग सात-आठ लोगों ने लिखें। किसी ने दूसरे श्रुतस्कन्धों के सातों अध्ययनों पर आधारित सारांशलेखन प्रस्तुत किया । आचारश्रुत अध्ययन में मिहत वाणीविवेक कई विद्यार्थियों को उद्बोधक प्रतीत हुआ । सन्मति की एक प्राकृत पढानेवाली शिक्षिका ने क्रिकुमार की कथा प्राकृत भाषा में लिखने का प्रयास किया । आर्द्रकीय अध्ययन का मराठी पद्यानुवाद भी आपको अच्छा लगेगा । तीन-चार विद्यार्थियों ने लेप' नामक आदर्श श्रावक पर विचार प्रस्तुत किये । हस्तितापस के मत में जो त्रुटियाँ थी वो दो-तीन लोगों ने दूर करने का प्रयास किया ।
एक ग्रन्थ की ओर देखने के कितने सारे दृष्टिकोण हो सकते हैं यह तथ्य निम्नलिखित सूचि से उजागर होगा
(२) सूत्रकृतांगपर -२- पर आधारित लघुनिबन्धों की विषयसूचि १) प्रत्याख्यानक्रिया व 'नालंदीय' मधील प्रत्याख्यान
बागमार चंद्रकला २) मित्रदोषप्रत्ययिक क्रियास्थान
बागमार लता ३) मित्रदोषप्रत्ययिक क्रियास्थान (सद्य:कालीन दृष्टिकोणातून)
बागमार प्रकाश ४) आया अपच्चक्खाणी - विशेष स्पष्टीकरण
बागमार स्मिता ५) आचारश्रुत' अध्ययन का मुख्य आशय
बेदमुथा श्यामल ६) मित्रदोषप्रत्ययिक क्रियास्थान
बोथरा कमल ७) लेप' गृहपति : एक आदर्श श्रावक
बोथरा संगीता ८) प्रत्याख्यान का, कशाचे व कोण करू शकतो ?
बोरा पुष्पा ९) आया अपच्चक्खाणी : भावार्थ
भंडारी अनिल १०) सूत्रकृतांग में प्रतिबिम्बित सामाजिक अंश
भंडारी कुमुदिनी ११) लेप' नामक गृहपति : एक आदर्श श्रावक
भंडारी सरला १२) आचारश्रुत अध्ययन : एक चिंतन
भंडारी सुमतिलाल १३) हिंसादण्डप्रत्ययिक क्रियास्थान
भंडारी सुनीता १४) आचारश्रुत अध्ययनाचा मुख्य विषय
भन्साळी संतोष १५) सूत्रकृतांग (२) में प्रतिबिम्बित सामाजिक अंश
भन्साळी सुविता १६) 'आचारश्रुत' अध्ययनाचा सारांश
भटेवरा विमल १७) मित्रदोषप्रत्ययिक क्रियास्थान
भटेवरा कमला १८) 'आया अपच्चक्खाणी' सूत्र का भावार्थ
भटेवरा पुष्पा १९) अध्यात्मप्रत्ययिक क्रियास्थान
भटेवरा उज्ज्वला