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________________ 196 विजयशंकर शुक्ल के कुछ अंश जो ब्राह्मीलिपि में हैं, ५ वीं शताब्दी की पाण्डुलिपि भैषज्यगुरुवैदूर्यप्रभासूत्र जो भूर्जपत्र एवं गुप्तकालीन ब्राह्मी लिपि में हैं तथा बौद्ध धर्म से सम्बन्धित है; १२ वीं शताब्दी का श्रीभोजदेवसंग्रह (नेवारी लिपि); युद्धजयार्णवतन्त्र जो १०वीं शताब्दी भट्टोत्पल के द्वारा रचित है एवं दैवज्ञ सर्वबल ने १३वीं शताब्दी में इसकी प्रतिलिपि की है; १५ वीं शताब्दी में रचित संगीत का प्रसिद्ध ग्रन्थ संगीतशिरोमणि भी उस प्रदर्शनी में दिखाये गये । ये सभी पाण्डुलिपियाँ अलग-अलग संग्रहों से एकत्रित की गई थी। संस्कृति मन्त्रालय के इस प्रयास की प्रशंसा करनी चाहिए । १९६६-१९७६ : कर्नल एच. एस. ओल्कट १८८६ में थियोसोफिकल सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष बने - जिसके साथ-साथ पुस्तकों एवं पाण्डुलिपियों के विशिष्ट संस्था के रूप में उन्होंने अड्यार एवं रिसर्च सेण्टर की आधारशिला रखी । उपलब्ध पुस्तकों एवं पाण्डुलिपियों के सूचीकरण का कार्य उन्होंने १८११ से ही प्रारम्भ कर दिया था । १९११ में इस संग्रह की ११,८४२ पाण्डुलिपियों की सूची प्रकाशित हो चुकी थी । इस बीच १९०८ में तत्कालीन निदेशक डो. एफ् ए. श्राडर ने विवरणात्मक सूची प्रकाशित करने की योजना तैयार की जिसका प्रतिफल १९४२ में ११०३ पाण्डुलिपियों की सूची के साथ सामने आया । इसी क्रम में तीन और भाग प्रकाशित हुये लेकिन इसके अन्तर्गत बारहवें भाग का प्रकाशन १९६६ में हुआ जो विशिष्टाद्वैत, द्वैत, शिवाद्वैत एवं अनुभवाद्वैत पाण्डुलिपियों Jain Education International SAMBODHI सूची से सम्बन्धित है तथा चतुर्थ भाग का प्रकाशन १९६८ में हुआ जिसका सम्पादन पण्डित के. परमेश्वर आइथल ने किया था । स्तोत्र की पाण्डुलिपियों से सम्बन्धित इसके दो खण्डों में ३२४४ पाण्डुलिपियों का विवरण दिया गया है। इसी के भाग - ५ में काव्य, नाटक एवं अलंकार की पाण्डुलिपियाँ, भाग-६ में छन्द कोष एवं व्याकरण, भाग-७ में कामशास्त्र एवं आयुर्वेद की पाण्डुलिपियों का विवरण दिया गया है । १९७२ में भाग-८ एवं ९ का प्रकाशन हुआ। इन दोनों भागों का सम्पादन प्रो. आइथल पण्डित टी. एच्. विश्वनाथन एवं पण्डित अ. अ. रामनाथन् ने किया । १९७६ में इसके १३वें भाग का सम्पादन एवं संकलन डो. ई. आर्. श्रीकृष्णशर्मा जी ने किया जो विश्वभारती संग्रह की पाण्डुलिपियों से सम्बन्धित है । इसके प्रथम खण्ड में वेद, वेदाङ्ग एवं उपनिषद् की पाण्डुलिपियाँ हैं एवं द्वितीय खण्ड में इतिहास, काव्य आदि की । अड्यार की सूची का वैशिष्ट्य यह है कि यह सूची एक-एक विषय एवं विषयवस्तु को ध्यान में रखकर विभाजित की गई है। जैसे - वेद के अन्तर्गत प्रथमतः ऋग्वेद से सम्बन्धित संहिता, भाष्य, ब्राह्मण इत्यादि की पाण्डुलिपियों को क्रमानुसार रखकर सूचना दी गई है। १९६६-२००८ : जैसा कि पहले कहा जा चुका है कि न्यु कटालोगुस् कटालोगोरुम् योजना का प्रारम्भ १९३५ में हुआ था जिसके अनन्तर इसका प्रथम भाग प्रकाशित हुआ । पुन: प्रथम भाग For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520786
Book TitleSambodhi 2013 Vol 36
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitendra B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2013
Total Pages328
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size7 MB
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