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Vol. XXXII, 2009
अर्जुनरावणीय (रावणार्जुनीय) की टीका व इसके रचयिता
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टीका नाम से निर्दिष्ट किया है ।
पूर्वनिर्दिष्ट श्लोक के उत्तरार्ध में आए-'मया अपि' (मेरे द्वारा भी अर्जुनरावणीय पर टीका की जा रही है ) से यह भी ध्वनित होता है कि टीकाकार की जानकारी में इस काव्य की अन्य टीका भी थी । परन्तु ऐसी किसी पूर्वटीका का टीकाकार द्वारा अवलोकन करने या उपयोग करने का कोई संकेत सम्पादित टीका में नहीं मिला । ति ७. मातृका में प्रथम से षष्ठ सर्ग तक उपलब्ध टीका सम्पादित टीका से भिन्न है । सम्भवतः यही प्रस्तुत टीका से पूर्ववर्ती रही होगी । ति ७. मातृका वाली इस टीका का अभी तक सम्पादन नहीं किया जा सका है । सम्पादित टीका के रचयिता शिवदेशिकशिष्य कहते हैं कि मैं इस काव्य की उत्कृष्टता से आकृष्ट होकर इस टीका के लेखन में प्रवृत्त हुआ हूँ
एतदालोक्य हर्षाद्वा मोहाद्वोपक्रमः कृतः । सन्तोऽनुगृह्णन्त्विह मे दयादृष्ट्या विमत्सराः ॥
___(अर्जुनरावणीय-टीकारम्भे नवमश्लोकः) दूसरे खण्ड की टीका की आधारभूत ति ६. मातृका में छठे सर्ग के अन्तिम भाग से बाईसवें सर्ग तक की टीका उपलब्ध है, परन्तु इसमें से यहाँ केवल चतुर्दश सर्ग के ४४वें श्लोक से १८वें सर्ग तक की टीका ली है । मध्य-मध्य में इस मातृका के कुछ पत्र लुप्त हैं । आदि व अन्त में इस हस्तलेख के खण्डित होने से मङ्गलाचरण व पुष्पिका के अभाव में टीकाकार के विषय में कोई जानकारी नहीं मिल सकी । अतः दूसरे खण्ड की इस टीका को हमने 'अज्ञातकर्तृका टीका' नाम से व्यवहृत किया है।
तीसरे खण्ड की टीका के अन्त में टीकाकार ने निम्न श्लोक में अपना व टीका का नाम इस प्रकार सूचित किया है
वासुदेवैकमनसा वासुदेवेन निर्मिताम् ।
वासुदेवीयटीकां तां वासुदेव्यनुमोदताम् ॥ इससे स्पष्ट है कि वासुदेव नामक कृष्णभक्त विद्वान् ने यह 'वासुदेवीय-टीका' रची थी । इसी आधार पर हमने १९ से २७ सर्ग वाले इस तृतीय खण्ड की टीका को वासुदेवीय-टीका नाम से व्यवहत किया गया है।
टीका के सम्पादन में उपजीव्य व सहायक हस्तलेखों का विवरण अर्जुनरावणीय (रावणार्जुनीय) महाकाव्य के मूलपाठ के समीक्षात्मक संस्करण हेतु प्रयासपूर्वक अन्वेषण कर मैंने इसकी १७ मातृकाओं की प्रतिकृतियाँ संगृहीत की हैं। इन्हीं में से टीका वाली पाँच मातृकाएं टीकायुक्त संस्करण के सम्पादन में आधारभूत रूप में प्रयुक्त की गई हैं तथा शेष सहायक रूप में । ये पाँच मातृकाएं हैं - ति ४., ति ५., ति ६., का., म. । इनका विवरण यहाँ दिया जा रहा है।