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Vol. XXXI, 2007
शेखावाटी में रागमाला चित्रण
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ॐ 35
३. हिंडोल- १. रामकली, २. मालवी, ३. आसावरी, ४. देवारी, ५. केकी ४. दीपक- १. केदारी, २. गौरा, ३. रूद्रावती, ४. कामोद, ५. गुर्जरी . ५. श्री- १. सैन्धवी, २. काफी, ३. ढुमरी, ४. विचित्रया, ५. सोहनी ६. मेघ- १. मल्लारी, २. सांरगा, ३. देशी, ४. रतिवल्लभा, ५. कानरा शेखावाटी में प्राप्त भित्ती चित्रों के आधार पर रागमाला के राग-रागिनियों का वर्णन इस प्रकार
राग
राग मेघ : नायिका आसन पर बैठी है, नायक सितार बजाकर गीत गा रहा है । आकाश में वर्षा
की झड़ी लगी हुई है तथा पास में एक पक्षी चित्रित है नायिका संगीत का आनन्द
ले रही है। राग दीपक : नायक-नायिका आसन पर आलिंगनबद्ध होकर बैठे है । दो दासियाँ चामर दुला रही
है तथा संगीतकार सितार बजा रहे हैं । नायक-नायिका के दोनों और दीपक चल
रहे हैं। राग हिण्डोला : नायक फूल लिये खड़ा है। पीछे तीन दासियाँ पंखा व चामर दुला रही हैं । सामने
नायक तबला बजा रहा है । राग भैरव : शिव-पार्वती आसन पर बैठे हैं तथा पीछे दासियाँ पंखा चामर दुला रही है। सामने
नायक तबला बजा रहा है । राज श्री : राजा-रानी के सम्मुख संगीत प्रस्तुत करता हुआ सितार-वादक एवं ढोलक मंजीरे लिये
अन्य साजिन्दे, दासियाँ आदि ।
रागिनी रागिनी धनसेरी : नायिका आसन पर बैठी तबला बजा रही है तथा सामने नायक सितार बजा रहा है।
जिसके आगे दासी फूल लिये खड़ी है । नायिका के पीछे दासी पंखा झल रही है। पेड़ों की डाल पर तोते बैठे दिखाये गये हैं। नायिका आसन पर बैठी सारंगी बजा
रही है तथा पास में दो हिरण खड़े संगीत से आकर्षित हो रहे है। रागिनी आसावरी : पानी के पास उठी पहाड़ी पर नायिका बीन बजा रही है। चित्र के बांयी ओर सांप
है तथा दायीं और हिरण चित्रित किया गया है । रागिनी भावना/ रागिनी गावता : संगीत लय पर मुग्ध होकर नायिका, दासी का सहारा लेकर छत से उतर रही है।
नायिका के हाथ में छत्र है। पास में तानपुरा बजाता नायक । भवन के द्वार पर द्वारपाल