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________________ संस्कृत छन्दःशास्त्र में हेमचन्द्राचार्य का प्रदान मनसुख मोलिया कलिकालसर्वज्ञ हेमचन्द्रचार्य ने व्याकरणशास्त्र, काव्यशास्त्र, छन्दःशास्त्र, न्यायशास्त्र, योगशास्त्र आदि शास्त्रों के अतिरिक्त महाकाव्य, पुराण, मुक्तक, स्तोत्र काव्य आदि अनेक क्षेत्रों में साहित्यसर्जन किया है । किसी एक हि व्यक्ति द्वारा बहुविध साहित्यसर्जन की यह घटना विरल है। प्रस्तुत आलेख में छन्दोऽनुशासन के परिप्रेक्ष्य में संस्कृत के छन्दःशास्त्र में हेमचन्द्राचार्य के प्रदान को अध्ययन का विषय बनाया गया है। छन्दोऽनुशासन के मङ्गल श्लोक के अनुसार इस ग्रन्थ की रचना सिद्धहैमशब्दानुशासन और काव्यानुशासन के बाद की गई है। इसके अन्तरङ्ग प्रमाण से ज्ञात होता है कि कुमारपाल के राज्यारोहण के बाद इसकी रचना हुई है। उसका स्वनाकाल ई० स० ११४३ के आसपास तय होता है। पिङ्गलाचार्य के छन्दःशास्त्र का अनुसरण करते हुए हेमचन्द्राचार्य ने इस ग्रन्थ को आठ अध्यायों में बाँट है। पिङ्गलाचार्य के छन्दःशास्त्र में केवल संस्कृत के छन्दों का ही विवरण है, लेकिन छन्दोऽनुशासन में संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश तीनों भाषाओं के छन्दों को संग्रहीत किया गया है। प्राकत और अपभ्रंश छन्दों के सत्र और वृत्ति संस्कृत में हैं, केवल उदाहरण के पद्य ही प्राकृत व अपभ्रंश में हैं। प्रथम अध्याय में छन्दःशास्त्रीय संज्ञाओं का निदर्शन किया गया है और अन्तिम अध्याय में प्रस्तारादि छ: प्रत्ययों का विवरण है। शेष अध्यायों में छन्दों का सोदाहरण लक्षणविधान दिया गया है। दूसरे और तीसरे अध्याय में संस्कृत छन्दों का निरूपण है। चतुर्थ अध्याय में प्राकृत और पञ्चम अध्याय से सप्तम अध्याय तक अपभ्रंश के छन्द प्राप्त होते हैं। छन्दोऽनुशासन में प्रारम्भिक मङ्गल श्लोक को छोड़कर पूरा ग्रन्थ सूत्रबद्ध है । सूत्रों की संख्या ७४५ है। इनमें से दूसरे अध्याय के ४०१, तीसरे अध्याय के ७३ और चौथे अध्याय के ९ सूत्रों को मिलाकर कुल ४८३ सूत्रों में ४९७ संस्कृत छन्द प्राप्त होते हैं। किसी भी छन्द के निरूपण में सबसे पहले उसका लक्षण सूत्र के रूप में दिया गया है और उस सूत्र की वृत्ति में सूत्र का अर्थ स्पष्ट किया गया है। तदुपरान्त छन्द का उदाहरण, अन्य आचार्यों के मत और हेमचन्द्राचार्य का अपना निरीक्षण प्राप्त होता है । उदाहरणार्थ भुजङ्गप्रयात छन्द का निरूपण प्रस्तुत है ।
SR No.520781
Book TitleSambodhi 2007 Vol 31
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages168
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size21 MB
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