________________
लधु श्रीपालरास
कमारअस्ति भवंतर संचियउ, पुत्र समग्गल जास । तसु बल तसु मइ तसु सिरिय, तसु तिहूअण1 जण दास ॥६॥ सह समस्या पूरवी जी, हरिखी मन घट नारि । ए वर मनमान्यउ मिल्यउ जी, फलीयउ अंब अकाल ॥१४॥ कु. कुमरी नह ए वर रुच्यउ जी, मननी पूगी रे आस । पंच सखी कुमरी मिली जी, परणावी नृप तास ॥१५॥कु० सुख भोगवता तिणि समई जी, भाट देई आसीस । कोल्लाकपुर कह ई पुर भल उ जी, राय पुरंदर ईस ॥१६।।कु० राणी विजयादे' सुता जी, जयसुदरि गुण-गाह । कीध प्रतिज्ञा एहवी जी, वेध साधइ ते नाह ।।१७||कु. कुमर सुणी तिणि पुर गयउ जी, साध्यउ राधावेध । जयसुंदरि कुमरी वरी जी, आरति दुक्ख निषेध ||१८||कु.
कमर तेडाव्यउ माउलई जी, तेडी सगलि रे नारि । सुसरा साला तेडीया जी, मेल्यउ कटक अपार ।।१९।।कु० स्थानपुरी जई उतरयउ जी, मिलीयउ मामउ रे आई । कहइ जिनहरख सउच्छवह जी, पद दीघउ माहाराय ॥२||कु.
दूहा
चाल्यउ ऊजेणी भणी, महाराय श्रीपाल । .5 मिलिवा मयणा माय नइ, विरहा बुझावण झाल ॥२१॥कु० विचि सोपारई पाटणई लसकर दीयउ मेल्हाण । मृपकन्या विसहर डसी चेतरहित थया प्राण ॥२२॥कु.
१८ : ढाल कपूर हुवई अति ऊजलउ रे ए देसी देखाडउ महीसेननी रे, कुमरी जे गुणगेह । सीपउ उपगारी कहइ रे, 'जीवाडीसि हुँ तेह रे ॥२३॥ राजन म करउ चिंता लिगार, विष ऊतरिस्यई जीविस्यइ रे ।
माने ज्यउ निरधार रे ॥२४||ग. 1 तिहय० B 2 विजयानी B 3 दुरव्य A 4 भामउ B 5 मिलवा B 6 विरह B 7 वाडि B
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org