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________________ लघु श्रीपालरास ५७ 1जाणउ तिम बुधि केलवी, राय जमाई जेह । तेह मरावउ लाख द्यउ, तिथि हाकार भणेह |७५॥ १५. ढाल : झुबखडानी डूंब सहू राजा पासई जई, गाया गीत रसाल । सनेही सांभलउ । राग सुणी राजा रीझयउ, कहई बीडा द्यउ श्रीपाल ॥७६।।स। पान बीडा देवा गयउ, डूबडा मिलीया सहु धाय ।स। बह दिवसे वाल्हउ मिल्यउ, राजा मन विसमय थाय ॥७७॥स०। पूछई' नृप श्रीपाल नई, दाखवी ताहरउ निज वंस4 स०। चतुरंग सेना सज' करो, कहिस्यइ मुझ हाथ पसंस ।स०॥७८॥ वाहण मां बेनारि छइ, अथवा ते पूछ उ तेडि स०। ते कहिस्यई कुल माहर उ, निज मननी भ्रांति निवेडि ॥७९।।स। तेडावी ते कामिणी', पूछी 10सगली ही वात ।स। मदनमंजूषा सहु कह्या, श्रीपाल तणा अवदात ॥८०॥स०। झाली बांध्या इंबडा, ते भाखई अम्ह11 नही दोस ।स। काम कराव्यु अम्ह कन्हई, इणि सेठ देई धन सोस ॥८१॥स। राय धवलनई मारता, मूकाव्यउ कुमर दयाल ।स। 12 गरुआ रोस धरई नही, करुणा सायर श्रीपाल ॥८२॥स०। मयणा मयण त्रिया त्रिण्हे, पामी13 विलसई निसिदीस ।स। कुमर तणा सुख देखिनइ, निति धवल धरइ14 रीस ॥८३।। सातमी भूमि कुमर सूत उ, निसिभर15 नांखी तिणि गोह । करे पाली लेई करी, मनमां पापी धरि द्रोह ॥८४॥स०। छुटउ त्रूटउ रांढडउ, पडीयउ पाली गई निज पेट । प्राण तजी गयउ जमपुरी, कीघां कर्म टलई नही नेट ॥८५।।16स०। एक दिन रमिवा नीसरया, मिलीयउ एक सारथवाह ।स। पूछयाउ किहांथी आवीया, कोई अचरिज दीठऊ साह17 ॥८६॥स। 1 जाणे तिम वुद्धि केवली A 2 धुं B_3 विसम B 4 वंससे A 5 रंगी B 6 सजउ B 7 गा. ७८ से १-१३ संख्या के स्थान पर ७८ से ८७ संख्या लिख दी है। मैं B9 गिनी B 10 तेहनी सह B 11 अम्हे B 12 गिरुआ B 13 विल्स B14 धरह मन रीस B 15 .भरि B 16 नेटि A 17 सार A Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520761
Book TitleSambodhi 1982 Vol 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1982
Total Pages502
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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