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________________ लघु श्रीपालरास अरध वाहणनऊ माल द्यइ, इम बोलीयउ कुमार । 1तो छोडाउ तुझ भणी, तह त्ति कीयउ तिणि वार ॥८॥ ९. ढाल : नायक मोह नचावीयउ एहनी कुमर खडग लेई चालीयउ, कर ग्रही बाण कवाणो रे । 4वलि रे पाछउ चोरटा, जउ तु छह सपराणो रे॥९॥कु० स्यु जीसउ तई वाणीयऊ, जोई क्षत्रीना हाथो रे । ताहरउ बल हिवई जाणीस्यइ', करि मुझसु भाराथो रे ॥१०॥कु. बाबरपति पाछउ 7वल्यउ, सांभलि बोल अबीहो रे । बापूकारुउ' किम रहह, जे सादूल उ सीहो रे ॥११॥कु. वरसई तीर चिहं दिसे, जिम वरसई जलधारो रे । नालि हवाई विचिं वहैं, मारि पडइ तरवारो रे ॥१२॥कु. बाबर नृप10 सुहडा सिरई, फोरवि आतम प्राणो रे । कुमर खडगधारां तणां, घाव पडइ घमसाणो रे ।।१३।। कु० सत्र सयल दल निरदल्य उ, एक लडइ श्रीपालो रे । हणीया केइ नासी गया, बांध्यउ नृप महकालो रे ।।१४॥कु. झाली आण्य उ साथमह, धवल छोडाव्यउ जाणो रे । हणिवा बाबर-रायनह, धाय311 सेठ अयाणो रे ॥१५|| बांध्या-नई जे मारीया, क्षत्रीनउ नही कामो रे । क्षत्री बोलावी हणई, तेहनी वाघई मामो रे ॥१६॥कु० सेठ सुभट नाठा हुता, गख्या कुमर सुजाणो रे । 12बंधनथी छोडावीयउ, बाबर केरउ राणो रे॥१७॥कु. अरघ पांचसई पोतनउ, माल लीयउ श्रीपालो रे । पुन्यई जयलखमी थई, कहई जिनहरख 13रसालो रे ॥१८॥कु० 1 तउ B2 करीयड B3 कबांणो B4 वल B5 छोरटा B6 भारयो B 7 बल्यो B8.कारघउB9. लिहिवाई प्रिवि वहह A 10 पति B 11 धीगउ A 12बन्धण थी नृप छोडीयड B 13 विसालो B Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520761
Book TitleSambodhi 1982 Vol 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1982
Total Pages502
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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