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आ. जिनहर्षसूरि-विरचित
राजा हेवा वंच प्रपंच घणा करइ2, मंत्री जाणी वात कि घात थकी डरई । बालक लेइ राति चली वन4 एकली, जथ टली जिम झंपई कंपई हिरणली ॥७६॥ गई इम दुखइ मइ6 राति प्रभात थयउ वली, कोढीय-टोलउ ताम मिल्यउ चित्त झलफली । ते कहई7 मत बीहई मनमां बहिनडी, धर्मतणी तुं बहिन अम्हे तुज बडी ॥७७॥ वर वेसर बइसणि कि चादर उढणई, रोग संयोगई10 उबर अंग थयउ सुत तणई11 । कोसंबी12 गई औद्य 13पूछवी हुं सुखई, खबरि लही जिनहरख तिहां मुनिवर मुखई14 ॥७८॥
कमला रूपसुंदरि तणउ, टाल्यउ सकल संदेह । पुन्यपाल नई जई काउ, तेडी आव्या गेह ॥७९॥ रहिवा मंदिर15 आपीया आप्यउ माल अपार' 6 । कुमरि सुख भापालस्यु'17, विलसई पंच प्रकार ।।८।।
७. ढाल पंखीडानी ।18
एक दिवस मयणा श्रीपालसुरे, केलि करती दीठी राय रे । 19जाणं मयणां पर बीजउ करघउ रे, कोढी नाव्यउ एहनई दाय रे॥८१॥ए।। वात कही पुग्यपालइ सहु जइ रे, राजा आव्यउ 20चलि आवास रे। कीध जुहार21 कुमर सुसरा भणी रे, कुमरी चरणे नमी उलास रे ।।८।।।। रायई गज ऊपर आरोपिनई रे, आण्या निज मंदिर ततकाल रे। तिहां रहतां पुर लोक इसु कहई रे, राय जमाई 22 श्रीपाल रे ॥८३॥ए। कुमर सुणी मन आमण दूमणउ रे, माय पुच्छ्य 323 कारण केणि रे। सुसरा केडई मुझनई उलखई रे, इहा रहिवु नहि जूगतु24 तेणि रे ।।८४||ए।
1 राज्य B2 करै B 3 घातक थी डरै B 4 ०यन A 5 पै कंप B 6 में B 7 कहै B 8 बीहै B 9 उढणे B 10 संजो० B 11 तणै B 12 कोशं• B 13 पूछेवा हुं सुख B 14 सुख A 15 मंदिरि B 16 अप्पार A 17 सु विलसे B 18 प्रत B में होसिये में दूसरी देशी लिखी गई है पर स्पष्ट नहीं होती है। 19 जाण्यु B 20 चलि आव्या B21 जहार कैमरे B22 ए B 23 पुछयु A 24 जगतु नहीं A
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