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आ. जिनहर्षसरि-विरचित -लघु श्रीपाल रास
१: ढाल सिंधनी चउवीसे2 प्रणमु जिनराय, जास पसायई नवनिधि थाय । सुयदेवी धरि 4रिदय मझारि, कहिसुनवपद नउ अधिकार ॥१ मंत्र जंत्र छह अवर अनेक, पणि नवकारसमठ नही एक । सिद्धचक्र नवपद सुपसायई, सुख पाम्या श्रीपाल नररायहर
आंबिल तप नवपद संयोग , गलित 10 सरीर थयउ नीरोग । तास चरित्र कहुं हित आंणी,11मुणज्यो नर नारी मुझ 12वाणी ॥३॥ दक्षण भरतह मालव देस, ऊजेणी सुरपुरी निवेस । प्रजापाल 13इणि 14नामे नरेसर,15दोइ16 पटराणी रूपइ17अपछर । सोहगसुन्दरि नई18 रूपसुन्दरि, जोवन रूप कला गुण सुन्दरि प्रथम मिथ्यात धरमसुराती19, बीजी जैन धरम20-तुं माती ॥५॥ सउकि तणउ नही21 कोइ विषाद, 22पणि निज मत नउ करइ23 विवाद। बे राणी24 नइ पुत्री दोय,25 जाणे लखमी सरसति दोय ॥६॥ सोहगसुन्दरी नी जे कन्या सुरसुंदरी नामई26 ते धन्या । मयणसुन्दरी रूपसुन्दर 27 जेहनी, सोभा जेणी28वधारी घरिनी ॥७॥ वरस सातनी ते थई बाल, भणिवा 29घाली नृप 30ले साल 31सास्त्र भणि32 पहिली मिथ्यात, बीजी33 जैन शास्त्र सुविख्यात ||८
भणी गुणी सारद अवतार, चउसठि नारी कला भंडार । बाप तणीइ34 मुजरइ35 ते आवी, खोलइ36 बेहसाणी37 बोलावी ॥९॥ बुद्धि परीक्षा करिवा रायई,38 दीध समस्या एक समायई39 । बाई पुन्यइ40 लहोयह41 एह,42सुरसुन्दरि जिनहरख कहेह॥१०॥
1चौपाइ नी B2 चौवीसे C3. बसाये नवनिष B 4. धुरी B5 यंत्र B6B7 पिणि B 8 पाम्यां B90 जोग B 10 शरी ०B 11. सुणि० B12 वौणि B 13 ईणि B 14 नामे B 15 नरेस A 16 दोई B 17 रुपै B 18 नेई B 19 राती B 20. धर्म 21. कोई B 22 पिणि B 23. करै B 24. राणी नई B 25. होई B 26. नामें B 27. 0 दरि B 28. जेणिं B 29. मूकी B 30. लेशा० B31 शास्त्र B 32. भण्या B33. प्रत B से उद्धत 34. तणे B35. जर B 36. •सह B 37. बेई •B 38. रीयई A 39. यह B 40. यई A 41 • यह B 42 ऐह B
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