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________________ शत्रुजयगिरिना केटलाक अप्रकट प्रतिमालेखो ई० स० १३१५ ना पुनरोद्धार समये जे अन्य संघो आवेला हशे तेमांना कोईना संघपतिनो आ लेख हशे. - (१९) आदीश्वर भगवानना मंदिरनी बहार एक देरी हती, तेमां सं० १३७१ । ई० स. १३१५ ना वर्षनी प्रभाचंद्रसूरिनी मूर्ति पर नीचे मुजबनो लेख हतोः सं १३७१ वर्षे...प्रभाचन्दसूरिणां मूर्ति...... माणसीहेन कारापिता ।। (सुप्रसिद्ध इतिहास-चरित्र ग्रंथ "प्रभावकचरित्र" ना कर्ता प्रभाचंद्राचार्यनी आ मूर्ति हशे?) (२०) पबासण परना आ सं० १३७९ । ई० स० १३२३ ना लेख अनुसार मूळ प्रतिमा तो 'श्री पत्तन' (आणहिलव ड पाटण) ना शांतिनाथ विधि चैत्यमां 'चंद्रप्रभस्वामी'नी होवानो निर्देश छे. पछी आगळ एने "श्री शत्रुजय योग्य' (शत्रुजय जोग=शत्रुजयमां स्थापवा अर्थे) कडी, तेनी प्रतिष्ठा जिनचन्द्रसूरिना शिष्य जिनकुशलसूरए कराव्यानु का छे. (आ पछी प्रतिमा भरावनार श्रावक परिवारनां सभ्योना नाम आप्या छे.) संवत १३७६ कार्तिक शुदि १४ श्रीपत्तने श्रीशांतिनाथ-विधिचैत्ये श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिवं अंशत्रुजययोग्यं श्रीजिनचन्द्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकशलसरिभिः प्रतिष्ठितं । कारितं स्वपितृमातृ सा० धीणा सा० धन्नी सा० भुवनपाल सा• गोसल सा० खेतसिंह सुश्रावकैः पुत्रगणदेवछूटडजयसिंहपरिवृतैः (२१) सं०१३८१/ई०स० १३२५मां श्रीपत्तनमां जिनकुशलगृरिए प्रतिष्ठावेल, देव गरिना ओसवाल (उकेशवंशीय) श्रावक परिवारे भरावेल जिनबिंबनी आरसनी गादी पर नीचे मुजबनो लेख छ: - संवत १३८१ वैशाष वदि ५ श्रीपत्तने श्रीजिनचंद्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरि... पतितं । कारित च श्री देवगिरिवास्तव्य ऊकेशवशीय सो० नानापुत्ररत्नेन सो. गोगासश्रावकेण सो०.......न स्व भ्रातृ सा० सागण भार्या काऊ सुश्राविकायाः श्रेयोथै] आचंद्रार्क नंदतात् ॥६॥ शुभं भवतु] (प्रतिमा पाछळथी पाटणथी शत्रुजय लाववामां आवो हशे.) (२२) प्रस्तुत लेख आदीश्वरनी टकना अष्टापदना मंदिरमा प्रवेश करता जमणी बाजुना थांभलामांनी प्रतिमा नीचे खोदेल छे. प्रतिमा रौद्रपल्लीयगच्छ'ना चारुचंद्रसूरिनी छे. अनेनेने कमदचंद्रना शिष्य बुद्धिनिवासे करावेली छे एवो उल्लेख छे. लेखनु वर्ष सं.१३८३/ई.स. १३२७ छः संवत १३८३ वर्षे ज्येष्ठ वदि ८ गुरौ रौद्रपल्लीय श्रीचारुचंद्रसूरीणां मूर्तिः वा कुमुदचंद्र शिष्य वा० बुद्धिनिवासेन कागपिता ॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520757
Book TitleSambodhi 1978 Vol 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1978
Total Pages358
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size9 MB
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