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गुजराती भाषामां शब्दकोशनी प्रवृत्ति
२७ आम आ दृष्टिए तो कोशनो हजो हवे प्रारंभ करवो पडे तेवी स्थिति प्रवर्ते छे । बीनवर्गीकृत :
आपणे जे सामग्री वर्गीकृत करीने जोई ते उपरांत उपयोगी एवी बीजी घणी प्रकाशित सामग्री छे जेनो पण आ प्रवृत्तिना संदर्भमां उल्लेख करवो घटे छे । अहीं आ उल्लेख मात्र आ मुद्दा प्रत्ये ध्यान दोरवा पूरतो ज छे । आ कोई विस्तृत यादी नथी ।
वर्गीकृत यादीमा "शब्दकोश' नाम नीचे नहीं आवती आवी केटलीक सामग्री नीचे मुजब छे :
(१) बालशिक्षाओ तथा औक्तिको जेवी रचनाओ (२) "शब्दार्थकोश", "शब्दनां मूळ" वगेरे शीर्षको तळेनी यादीओ (३) "उत्सर्गमाळा", "धातुरत्नाकर' इत्यादि जेवी रचनाओ, सोराबजी डोसाभाईनी २५०० शब्दोनी अंग्रेजी-गुजराती शब्दनी यादी (४) उमाशंकर जोशीन "पुराणोमां गुजरात” (५) डो. सांडेसराना "जैन आगमोमां गुजरात", "शब्द अने अर्थ" पुस्तको तथा बीजां अनेक संपादनो अने केटलाक लेखा, तेस्सीतोरी एल. पी. ना "नोट्स ओन धी ग्रामर ओफ ओल्ड वेस्टर्न राजस्थानी" अने बीजं साहित्य, डो. टी. एन. दवेन "ए स्टडी ओफ धी गुजराती लेंग्वेझ इन धी सीक्सटीन्थ सेंचुरी” (६) ध्रुव के. ह. संपादित भालणनी कादंबरी अने बीजं साहित्य (७) दिवेटीया नरसिंहरावना "लेंग्वेज एन्ड लिटरेचर" मा बे भाग (८) डो. भायाणीना "शब्दकथा", "वाग्व्यापार", "अनुशोलनो" पुस्तको तथा अन्य संपादित पुस्तको (९) शास्त्री के. का. ना संपादना (१०) मुनि जिनविजयजीना "गुजराती गद्यसंदर्भ' अने बीजें साहित्य (११) पंडित बेचरदासजीना प्राकृत-अपभ्रंश साहित्य परना लेखो (१२) डो. प्रबोध पंडितनो " ए एन्ड' ओ इन गुजराती लेख (१३) डो. टर्नरना "नेपाळी डिक्षनेरी" अने "धी कम्पेरेटीव डिक्षनेरी ओफ इन्डोआर्यन लैंग्वेजीझ" ए वे डिक्षनेरीओ तथा बीजं साहित्य (१४) झुल्स ब्लोकना पुस्तकना "मराठी भाषेचा इतिहास" नामे करेला परांजपेना अनुवादमांना परिशिष्टो (१५) गुजराती साहित्य परिषदनी कार्यवाहीओ
तथा अन्य साहित्यिक प्रतिष्ठावाळा सामयिको (१६) त्रिमूर्ति संपादित “फइए पाडधं नाम" (१९५७) (१७) कराणी जहांगीर बी. रचित "पारसी नामो” (१९६३) (१८) गज्जर संपादित “शुकनवंता फेन्सी नामो” (१९६५) (१९) विनोदिनी नीलकंठ कृत "गुजरातीमा अटकोनो इतिहास” (२०) "स्थळनाम संसद्” तथा अन्य स्थळनामो पर जे जे कार्यो करी रहेल होय ते
आ अने आवां अनेक पुस्तका-सामयिका-लेखा-सूचिओ इत्यादि सामग्री ध्यानमा लई शकाय । शब्दकोशना वर्गीकरणना आधारे केटलांक तारणो :
१. गुजराती शब्दकोश प्रवृत्ति लगभग १५० वर्ष जूनी छे ।
२. शब्दकोशनी समग्र सामग्रीने ध्यानमा लेतां लगभग १५०नी संख्या छ । परंतु २० जेटली संख्या सीधी "शब्दकोश" नीचे न समाय तेवी चाळी काढतां लगभग १३० नी संख्याने आ शीर्षक नीचे गणावी शकाय । आनुं विश्लेषण नीचे मुजब छे :