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________________ शान्तिभाई आचार्य आ सिवायना कोशीमा १८७४ मां बहार पडेलो शिवशंकर कसनजीनो २४००० शब्दो नो 'गुजराती इन्दु गुजराती एन्ड इंग्लिश डिक्षनरी' कोश तथा १९३४ मां बहार पडेलो नाणावटी केशवलाल भ. नो 'प्रेसिडेन्सी इंग्लिश टु गुजराती एन्ड गुजराती टु इंग्लिश डिक्षनेरो' कोश तथा १९६७ मां (बीजो आवृत्ति) बहार पडेलो शांतिलाल ओझानो 'धी युनिवर्सल मोडर्न डिक्षनेरी (अंग्रेज़ी-अंग्रेजी गुजराती) कोश ए त्रणे उल्लेखनीय छ । आ उपरांत 'इंग्लीशगुजराती डिक्षनेरो ए नामे श्री देशपांडे पासे तैयार करावेलो १९७० मा प्रकाशित थयेलो कोश पग नोधयो जोईए । समग्र रीते जोतां आ १३५ वर्षना : गाळामां संख्यानी दृष्टि बाद करीने कोशनां धोरणोनी दृष्टि जोतां हजी आजे पण आवा प्रकारना प्रमाणभूत कोशनी शून्यता वरताय छ । अंग्रेजी सिवायनी भापाओ : संस्कृत : अंग्रेजी सिवायनी बीजी भाषाओमां गुजराती साथे संलग्न होय तेवी कोशप्रवृत्तिमा संस्कृत मोखरे रहे छे । ई. स. १८७० ना टेलर जे. वी. अने शास्त्री व्रजलालना धातुसंग्रहने वाद करोए तो ई. स. १८७१ ना रणजीत बाजीराव तात्याराव ना १२००० शब्दोना संस्कृत तथा गुजराती कोशने संस्कृत-गुजराती एवो पहेलो कोश गणवो जोईए । आ पछीनो कोश ते बोरा सवाईलाल छोटालालनो संस्कृत-गुजराती कोशः 'शब्दार्थ चिंतामणि' । ७०००० शब्दो धरावतो आ कोश ई. स. १९०० मां प्राप्त थाय छे । आ पछीथी १९२९-३० मां आपणने 'संस्कृत-गुजराती शब्दादर्श'ना वे भाग प्राप्त थाय छ । आना रचयिता महेता गिरजाशंकर म. छ । आ पछीनो कोश ते १९३२ नो तळवेळकर ग. स. नो 'संस्कृत-गुजराती लघुकोश' । त्यारपछी १९६० मां वहार पडेला 'नर्मद संस्कृत-गुजराती शब्दकोष'ने नोंधी शकाय । रावळ नर्मदाशंकर अने दवे नर्मदाशंकर ए बने आ कोशना रचयिता छ । आ पछीनो आवो कोश ते १९६२ नो विद्यापीठ प्रकाशित 'संस्कृत-गुजराती विनीत कोश'।" प्राकृतादिभाषाओ: गुजराती साथे संलग्न तेवी पछीना काळनी भाषाओने लईए तो तेमां १८८० मां बहार पडेला पंडित प्रभाकर रामचन्द्रना "अपभ्रष्ट शब्दप्रकाश'', देश्य भाषानो १९४७ नो दोशी बेचरदासजीनो "देशी शब्दसंग्रह" नामना हेमचन्द्रना देशीशब्दसंग्रहनो अनुवाद, तथा भरतराम महेता सम्पादित 'देश्य शब्दकोश' (१९६५) ए त्रण पुस्तकोने गणावी शकाय। अहीं १९२३ थी १९३८ सुधीमा इन्दोर अने मुम्बईथी जैन मुनि रत्नचन्द्रजीए बहार पाडेला "जैनागम शब्दसंग्रहः अर्धमागधी गुजराती कोष" नी पण नोंध लेवी जोईए । आ कोष तेमना चार भागमा प्रकाशित प्राकृत-संस्कृत-हिन्दी-अंग्रेजी-गुजराती एम पञ्चभाषी कोषनी प्राकृत-संस्कृतगुजराती त्रिभाषी एवी संक्षिप्त आवृति छे. हिन्दी आदि भाषाओ : ___आधुनिक भाषाओ हिंदी-हिंदुस्तानी, उर्दू, फारसी वगेरेनी साथे गुजराती संलग्न होय तेवा द्विभाषी कोशोने आ शीर्षक नीचे समाव्या छे । आवा कोशोनो विचार करतां लगभग आठेक जेटला कोश जोवा मळे छे । आमां पंडित गणेशदत्त शर्मानो १९२४ मां बहार पडेलो
SR No.520754
Book TitleSambodhi 1975 Vol 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1975
Total Pages427
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size30 MB
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