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________________ कृष्ण कुमार दीक्षित करना कदाचित् चित रहेगा कि इस प्रश्न पर मूल सांख्य दार्शनिकों का मट मोक्षधर्मप्रकरण के मत से नहीं सांख्यकारिका के मत से तत्त्वतः अभिन्न था । वस्तुतः ब्रह्मात्मै क्यवाद के विरुद्ध आत्म-बहुत्व के सिद्धान्त की स्थापना मूल मांखन दार्शनिकों की एक मारके की उपलब्धि रही होगी । ध्यान देने की बात है कि जब उत्तर काली न्यायवैशेषिक दार्शनिकोंने सांख्य निरीश्वरवाद का खण्डन करके ईश्वरवाद की स्थापना को तब वे ब्रह्मात्मैक्यवाद के सिद्धान्त की ओर वाया न लौटे बल्कि उन्होंने स्पष्ट कहा कि ईश्वर शेष आत्माओं से पृथक्मृत एक आत्मा है । स्पष्ट ही न्याय-वैशेषिक ईश्वरवाद को भी अपनी कठिनाईयां हैं किन ये कठिनाईयां मोक्षधर्मप्रकरण में अनेक गुनी हो गई हैं। एक अपेक्षाकृत कम महत्व का प्रश्न उठता है २४ जड़ तत्वों की परिंगणना के प्रसंग में । मोक्ष मप्रकरण में सर्वत्र २४ जड़ तत्त्वों में से ८ को प्रकृति तथा १६ को विकृति कहा गया है; एकाध स्थल पर ८ प्रकृतियों में से पहली को 'अव्यक्त' तथा शेष को 'व्यक्त' भी कहा गया है। सांख्यकारिका में भी २४ जड नत्वों का कुछ इसी प्रकार १, ७ तथा १६ के बीच विभाजन है लेकिन वस्तुतः इन दो विभाजनों के बीच मारके के भेद हैं। मोक्षधर्मप्रकरण में ८ प्रकृतियां (जिनमें से पहलो अव्यक्त तथा शेष सात व्यक्त हैं) हैं१-प्रकृति ३-अहंकार २-महत अथवा बुद्धि ४-८ पंच महाभूत, और वहां की १६ विकृतियां हैं : १-५ रूप, रस, गंध, स्पर्श, शब्द, ११-१५ पांच कर्मेन्द्रिय ६-१० पांच ज्ञानेन्द्रिय १६ मन इसके विपरीत सांख्यकारिका में 'अविकृति-प्रकृति' है एक मूलप्रकृति, 'प्रकृति-विकृति' हैं निम्नलिखित ७:१ महत् अथवा बुद्धि, ३-७ पंच तन्मात्र; २ अहङ्कार और वहाँ विकृतियां हैं निम्नलिखि १६ : १--५ पांच ज्ञानेन्द्रिय ११- मन ६-१० पांच कर्मेन्द्रिय १२-१६ पांच महाभूत इन दो विभाजनों के बीच समानताएँ स्पष्ट है लेकिन भेद भी कम स्पष्ट नहीं । अब यह कठिनाई तो इन दोनों विभाजलों में समान है कि बुद्धि, अहकार तथा मन को जड़ तत्त्व कैसे समझा जाए लेकिन यदि इस कठिनाई की उपेक्षा कर
SR No.520754
Book TitleSambodhi 1975 Vol 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1975
Total Pages427
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size30 MB
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