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________________ अज्ञात-कर्तृक अनाथी-महर्षि-संधि ___ संपा. र. म. शाह संबोधि व. २ अं.१-२ में प्रकाशित उत्तरकालीन अपभ्रंश संधि-काव्यों के लेख और दो संधिकाव्य के अनुसंधान में यहां एक और संधिकाव्यअनाथो महर्षि संधि-दिया जा रहा है । - प्रस्तुत संपादन ला. द. भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अहमदाबाद के श्री. पुण्यविजयजी संग्रह की एक मात्र प्रति से किया गया है । क्रमांक १२८६ की इस हस्तप्रत में पत्र ७९ से १०० तक कुल २२ पत्रमें निम्न ८ कृतियां लिखित हैं १. आर्द्र कुमार-विवाहलु (अपभ्रंश) अपूर्ण पत्र ७९ २. अजित-शांति-नमस्कार ., पूर्ण , ७९-८० ३. शील-संधि " " , ८०-८१ ४. आनंद-संधि " " " ८१-८३ ५. केशी-गौतम-संधि , " ८४-८५ ६. अनाथी-महर्षि-संधि , , , ८५-८७ ७. पुष्पमाला-प्रकरण (प्राकृत) , " ८७-१०० ८. प्रश्नोत्तर-रत्नमालिका , , , १०० इसमें दूसरी कृति अजितशांति -नमस्कार के अन्त में लेखन संवत १४८६ और अन्तिम कृति प्रश्नोत्तर-रत्नमालिका के अन्तमें लेखन संवत १४८९ होने की सूचना प्राप्त होती है । प्रस्तुत अनाथी-महर्षि संधि के रचयिता एवं रचनाकाल अथवा लेखनकाल से संबन्धित कुछ उल्लेख नहीं मिलता है । हस्तप्रत विक्रमीय १५वीं शताब्दी के अन्तिम चरणकी होने से काव्य की रचना इसके पूर्व की है यह स्पष्ट है । अपभ्रंशोत्तर काल की ऐसी रचनाएं अल्प मिलती हैं, और प्राप्त कृतियों में भी अधिकतर अप्रकाशित हैं। भाषा तथा सांस्कृतिक सामग्री की दृष्टि से
SR No.520754
Book TitleSambodhi 1975 Vol 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1975
Total Pages427
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size30 MB
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