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________________ मी र बाललोला फाग उच्चैःशृङ्गतटानिषण्णवपुषा श्रीरैवतार्दुमः यातः केन पथा कथां कथय मे चाऽशोकनेमीश्वरः ॥१५४॥ फाग सोम-वयणि मृग--नयणी, रमणी राय हसंत, .. पुण प्रभु पाछउ वलि वलि, वलि वलि. झुरिसि कंत ॥१५५॥ सिरूवरि सौवन-राखडी, आखडी पहिरवा एह नगोदर नवि ओपइ, लोपइ यादव नेह ।।१५६॥ . हिव हुँ सिउं करूं हारडइ, हा रडइ पूरिय शोगि..... : मधुर म बोलिसि मोरडा, मोरडा कंत-वियोगि ॥१५७।।. काव्यम् चन्द्रज्योत्स्ना मिलनविगलच्चन्द्रकान्तस्य नीरै.. धौतप्रेक्षत्कनकशिखरस्योजयन्तस्य मूर्ध्नि । ..... देवस्योच्चैस्तिमितनयनध्यानमुद्राङ्कितस्य राजीमत्याः परमरमणस्यामरैः पूजितस्य ॥१५८॥ मुग्धस्निग्धं चटुलनयनैवीक्षणं प्रेमपूर्णमातन्वद्भिः सुजललुलित रञ्जितैः सानुरागम् । ...... एणीवृन्दैश्वतुरवनिता. विभ्रमाणां विनोदाः सिद्धास्तस्य स्थिति रस .......श्वाहतो रैवताद्रेः ॥१५९॥ फाग ससिहरि सयरि संतापइ, व्यापइ विरह अपार डाभ दिइ उरि व्यगता. मुगताफल-मणि हार ॥१६०॥ चंदन-दाह न . नीगमई, अंगमइ अंगि अपार, : यादव हिव रथि आरूहई, रहइई न एक :लगार ॥१६१॥ कमल न मुझ मनि भावइ, आवइ' अजीय न कंत, ... करयलि. आलि. करंतु, कंतहि हेलि हसंत ॥१६२॥ . काव्यम् स्वकान्तकान्तेन समं वियोगो भूयान्न कासाश्चिदपि प्रियाणाम् ऊचेऽथ सा वह्निरिव प्रभो मे क्षणं विपाकोऽस्य महादुरन्तः ॥१६३॥
SR No.520754
Book TitleSambodhi 1975 Vol 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1975
Total Pages427
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size30 MB
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