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________________ लोककथा मध्ययननी ऐतिहासिक भौगोलिक पद्धति ६३ मा oikotype नी सापेक्ष स्थिरता[relative stability] मां फाळो आपनार तथ्योमांथी एक ए छे के कथाने जे नवा वातावरणमा लई जाय भने तेने नवी परम्पराना प्रवाहमा सफळतापूर्वक स्थापी शके एवा सारी कक्षाना कथाकथकोनी प्रमाणमां अल्पता छे. गमेतेम पण आवी जीवंत परम्पराना वाहको सारा प्रमाणमा मळी आवे छे. वान स्यीडोने एम लागे छे के कथाओमां थयेल घणीखरी सुधारणा कथाओना एक लोकसमाजथी समीपवर्ती भन्य लोकसमाजमां थयेला प्रसरणने कारणे नहीं पण बहुधा प्रतिभाशाळी कथा-कथकनी गतिशीलता [Mobility] ने कारणे थई छे. वान स्यीडोने मते एकरूपता घशवता कोई प्रदेशनी वंशपरम्परागत olkotype कोई पण कथाना अभ्यास माटे वधु महत्व धरावनार तथ्य छे घणा अभ्यासकोनी ए मुश्केली छे के तेभो आ oikotypes भने आने अने एन्डरसने ऐतिहासिक भौगोलिक पद्धति अनुसार करेला अध्ययनमा दर्शावेल खास प्रकारान्तरो वच्चेनो भेद तारवी शकता नथी. Oikotypes नी विचारणा मंगेर्नु औचित्य, प्रत्येक स्थानिक उप-प्रकारो [Sub-types] नी भौगोलिक सीमा-मर्यादा परत्वे खास ध्यान आपी अनेक कथा-प्रकृतिना [tale-types ] सूक्ष्मतर अभ्यास द्वारा ज मात्र दर्शावी शकाय तेम छे. जो मात्र एम बने के आ खास विस्तृत रूपो Developments भौगोलिक रीते वधु सघनपणे समरेख बनी रहे तो सामान्य [oikotype] नी क्षेत्रमर्यादा नक्की करवानु न्यायसंगत थाय. पण आवो सर्वतोमुखी अभ्यास करवामां आव्यो नथी. अने आ क्षेत्रोनुं सीमांकन प्रदेशगत अन्वेषण नहीं पण मात्र परंपरागत बाबत बनी रही छे. आल्बर्ट एन्डरसननो विरोध साव बोजी भूमिका परनो छे. ए कथामोना लिखित रूपान्तरोना महत्त्व परत्वे एटली बधी श्रद्धा धरावे छे के ते मौखिक परंपराना अभ्यासने अविश्वसनीय गणे छे. एने चोक्कसपणे एम लागे छे के लिखित कथामो अथवा मौखिक कथाओना प्रकाशित रूपान्तरो न मा कथामोने माजे जे लोको एनुं पुनरुच्चारण करे छे तेमनी समीप लई गया छे. अभ्यासनी एक मात्र पद्धति ए छे के मा लिखित दस्तावेजोनी परस्पर तुलना करवी. मौखिक रूपान्तरो तो कथानी वियोजनामा कारणभूत बने छे,
SR No.520753
Book TitleSambodhi 1974 Vol 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages397
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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