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कनुभाई शेठ ६. सामान्य कथा-सूत्रनु विशेषीकरण. [पक्षीने स्थाने चकली, हंस इत्यादि। अथवा विशेपर्नु सामान्यीकरण [ चकली इत्यादिने स्थाने पक्षीनो उल्लेख ।
७. अन्य कथानी सामग्रोने सकलित करी देवी, विशेषतः कथाना मंतमां.
८. पात्रोनो विपर्यय विशेषतः परस्पा विरोधो पात्रो. चालाक शियाळ भने मुर्ख शैछनी भरसपरसनी भूमिका बदलाई जाय चालाक रीछ अने मूर्ख शियाळ एम बनी जाय.
९. पशुकथाओमां पशु पात्रोने स्थाने मानव पात्रो आवी जाय. १०. मानव-कथामोमा स्त्री अने पुरुषने स्थान पशुओ आवी जाय. ११ प प्रमाणे पशु, दैत्य या दानव एक बोजाना स्थाने बदलाई जाय.
१२. कथनशैलीमा परिवर्तन, कथा कहेनार स्वयं कथा-अन्तर्गत एक पात्र बनी जाय भने प्रथम पुरुषमां कथा कथन करे.
१३. कथामा एक परिवर्तन थता, ए परिवर्तन नी अनुरूपता जाळवी राखवा अन्य परिवर्तन करवू अनिवार्य बनी रहे.
११. जेम कथा नवा प्रदेशमा सक्रमण करे छे, तेम ते नवा वातावरण ने अपनावे छे. अपरिचित रीतरिवाज के वस्तुने स्थाने परिचित वस्तुओ मावे छे. जेमके, अमेरिकन इन्डियन रूपान्तरोमां राजकुमारो अने राजकुमारीओ नायकना पुत्रो भने पुत्रीओ बनी जाय छे.
१५. ए प्रमाणे पूर्वकालीन के गतकालीन अप्रचलित कथा-सूत्रने स्थाने माधुनिक वस्तुमो आवे छे. कथानो नायक पोताना पराक्रम अर्थे रेल्वे ट्रेननो के हवे हवाइजहाजनो उपयोग करे.
___ कथाना प्रसरणनों सम्याम करनारने आवा केटलाक परिवर्तनोनो अनुभव थाय छे. मा काई मौखिक परंपरा अंगेना 'कायदामो' [laws] नश्री. केटलीकवार यथार्थ स्थळान्तरमा एनो कोई जातनो प्रभाव न पडे. परन्तु ते मौखिक कथाकथकना होठ पर ज जीवंत के सजीव रहेती होवाथी अन्य सजीव वस्तुनी जेम सतनपणे परिवर्तननो भोग बने ए स्वभाविक छे. उपर जणावेल प्रक्रियानी समजण, मूळकथा अने एमांथो विकसित थयेला विविध रूपान्तरोना आन्तरस्वरूपने वधु स्पष्टरेख करे छे.
परिवर्तनो अँगेना एन्टी मार्नेना निरीक्षण-निरूपणमां एन्डरसन, उपर जणावेली 'सम्राट अने पादरोनी कथा' ना विस्तृत अभ्यासने मते मा प्रमा