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कनुभाई शेठ जीवन-कथा [Life 11story] पालेखवामां सफळ नीवडी छे. आ पद्धतिना मन्यासक पासे भाटली अपेक्षा राखवामां आवे छे के
१. रूपान्तरोनुं यथार्थ विश्लेषण आपे । २ सर्व ऐतिहासिक अने भौगोलिक मुद्दामोनी नोध ले। ३. मौखिक रूपान्तरो अंगेना मुज्ञात तथ्योनो विनियोग करी मूल-स्वरूप
___ ममीप पहांचवानो प्रयास करे । ४ विविध रूपान्तरोनी उद्भावनानी प्रक्रियाना संदर्भमा कथाए अनुभवेली
परिवर्तननी प्रक्रिया अंगे समजूती आपे । ५. कथाना मूल-स्वरूपना उद्भवस्थान भने समय तथा एना प्रचार, प्रसारना विकास-मार्ग के क्षेत्र-मर्यादा अंगे कई निदर्शन मळे ।
रूपान्तरोनु संग्रहण प्रस्तुत पद्धतिमा सर्व प्रथम ए अत्यंत आवश्यक छ के यथाशक्य बहुसख्यामा रूपान्तरोनुं सग्रहण करवामां मावे आ माटे प्राप्य सर्व कथा-संग्रहो के कथा-सग्रह-सूचिनो उपयोग करवो जोईए. वळी आ संदर्भमां हस्तप्रत स्वरूपनी सामग्री नो-हस्तप्रत ग्रन्थो के यादीनो-पण विनियोग करवो जोईए, तेमन मात्र लिाखत के साहित्यिक रूपान्तरो ज नहीं पण यथाशक्य मौखिक रूपान्तरो पण मेळवां जोईए. आ अंगे जुदा जुदा प्रदेशना जन-समुदाय के व्यक्तिओनो प्रत्यक्ष के परोक्ष संपर्क साधवो जोईए, भने तेमनी पासेथी मळेला सर्व रूपान्तरोने प्राप्तिनी तिथि तथा स्थानना नाम साथे नौधा जोईए, मा पद्धनिमा शक्य होय तेटला वधु प्रमाणमा रूपान्तरो मेळववां जोईए केमके जेम वधु रूपान्तरो हशे तेम रूपान्तरो अंगे तारवेला निर्णयोमा सूक्ष्मता भने चोक्कसाई मावशे ।
आ बधा रूपान्तरो विगतवार [अथवा विगतवार ढूंकसारमां] नोंधवां जोई, केमके केटलीकवार एम बने छे के पूर्वे ने विगत बिनमहत्त्वनी लागती होय ते अभ्यास दरम्यान अति महत्त्वनी बनी जाय छे ।
___ रूपान्तरोनु नामांकन अने क्रमस्थापन
(Labeling and Arranging मा प्रमाणे रूपान्तरो एकठो थई गया पछीर्नु कार्य छे, एमना नामांकन अने क्रमस्थापन . दरेक रूपान्तरने एनी नोधणी (recording] नी तिथि तथा