SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 62
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २६ चर्चेला विषयो माली चर्चाने अन्ते मनुए पोताना सभाजविचारमां कया कया विषयोनी चर्चा आवरी लोधी छे ते आपणे अध्यायवार जोईए । रमेश बेटाई अध्याय १: परमात्मस्वरूप, मानवनुं मूळ, उत्पत्ति । अध्याय अध्याय २ : घर्मनी व्याख्या, तेनां प्रमाणो, काम अने कर्मनी आवश्यकता, संस्कारो, विद्योपार्जन, ब्रह्मचारीना धर्मों । ३. विवाह, विवाहयोग्यता, पतिनो पत्नी प्रत्ये वर्ताव, गृहस्थना धर्मों, पांच महायज्ञो, श्राद्धादि । अध्याय ४ : स्नातकना धर्मों, गृहस्थाश्रमनी श्रेष्ठता अध्याय ५ : स्नातकना विशेष धर्मों, विधिनिपेधो, भक्ष्याभक्ष्य, शुद्धिभो । अध्याय ६ वनस्थ भने सन्यासीना धर्मों तथा तेनुं जीवन | अध्याय अध्याय अध्याय ७: राजधर्म, राजा, राज्य, राज्यनो वहीवट, युद्धो, मुत्सद्दीगीरी ८ : व्यवहार, अदालतोनी कार्यपद्धति, दीवानी अने फोजदारी कामो, तेमना कायदा भने सजाओ । ९ : फोजदारी तथा दीवानी कामो, कायदा अने सजाओ, स्त्रीपुरुषनो सबंध, नीतिनियमो, कसोटीओ वगेरे । अध्याय १० : वर्णसिद्धान्त, वर्णो, जातिओ; तेमनां धर्म, नीति, व्यवसायो; ब्राह्मणधर्म, शूद्रधर्म अने आपत्कालविधान । अध्याय ११ : दान, पातको, उपपातको, पायश्चित्तो, वगैरे । अध्याय १२ : मानवनात्रण गुणो, तेनुं सांसारिक अने आध्यात्मिक उत्थान, मनुनो कर्मसिद्धान्त, धर्मपालननो बदलो । मनुनी दृष्टिए समाज 'समाज' अने 'लोक' ए बन्ने शब्दो मनुना ग्रन्थमां समाज - Society माटे जाणता ते छतां मनुए आ शास्त्रने 'धर्मशास्त्र' कहेबानुं पसंद कर्यु छे; पाछळथी मा शब्द सर्वमान्य बनी गयो के । मनु 'धर्म' शब्दना अर्थों नीचे प्रमाणे आपे छे : (१) कर्तव्य, (२) सदाचार, (३) वर्तनना शाश्वत नियमो, (४) सद्गुणसंपन्नता, (५) नीति, (६) उदात्तता, (७) दानादि, (८) धार्मिकता, (९) व्यवहार अने कायदो, (१०) प्रायश्चित्त, (११) मोक्षधर्म, वगेर ।
SR No.520753
Book TitleSambodhi 1974 Vol 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages397
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy