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________________ 30 मारुति नन्दन प्रसाद तिवारी दोनों पुत्रों के साथ कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। वही अम्बिका अगले जन्म में नेमिनाथ की शासनदेवी के रूप में उत्पन्न हुई, और उसके दोनों पुत्र इस जन्म में मी पुत्ररूपमें उससे सम्बद्ध रहे। पूर्वजन्म का पति (सोम) उसका वाहन सिंह हुआ। दिगम्बर परम्परा में भी यही कथा नवीन नामों एवं कुछ परिवर्तनों के साथ प्राप्त होती है। दिगम्बर परम्परा मे अग्निला के अपने पुत्रों एवं सेविका के साथ गृहत्याग कर उज्जयन्त पर्वत पर वरदत्त मुनि के पास जाने का उल्लेख है।18 उपर्युक्त कथाओं से स्पष्ट है कि अम्बिका की लाक्षणिक विशेषताएं उसके पूर्वजन्म की कथा से प्रभावित एवं उस पर आधारित है। अम्बिका के दोनों पुत्र उसके पूर्वजन्म के पुत्र एवं आम्रलुम्बि भूख से रक्षा करने वाला आम्रफल है। भुजा में प्रदर्शित पाश उस रज्जु का प्रतीक है जिसकी सहायता से अम्बिका ने कूप से जल प्राप्त किया था। वाहन सिंह पूर्व जन्म का उसका पति है।10 ___अंबिका या कुष्माण्डिनी को उसी नाम की हिन्दु देवी दुर्गा से प्रभावित स्वीकार किया जाता है, पर जैन परंपरा में अम्बिका की प्राचीनता से सम्बन्धित अपनी परंपरा के कारण उसे दुर्गा से प्रभावित स्वीकार करना अनुचित है। दुर्गा को अम्बिका के साथ ही कुष्माण्डी या कुष्माण्डा भी कहा गया है। जैन परंपरा में यक्षी के आयुध हिन्दु, दुर्गा से पूर्णत भिन्न है। यद्यपि दुर्गा का वाहन महिष एवं सिंह दोनों बताये गये हैं, पर भुजाओं में स्थित अभय, चक्र, कटक एवं शंख आदि आयुध अम्बिका से सम्बद्ध नहीं है। दक्षिण भारतीय परंपरा : दक्षिण भारतीय परंपरा में कुष्माण्डिनी को धर्म देवी भी कहा गया है और उसका वाहन सर्वदा सिंह बताया गया है। दिगम्बर मन्थ में चतुर्भुजा यक्षी की ऊर्ध्व भुजाओं में खड्ग एवं चक प्रदर्शित है, जब कि निचली भुजाएं गोद में स्थित दो बालकों को सहारा दे रही हैं। 10 ___ श्वेताम्बर परंपरा के अनामक ग्रन्थ में यक्षी द्विभुजा है और उसकी भुजाओं में फल एवं वरद प्रदर्शित है। यक्ष-यक्षी लक्षण में चतुर्भुजा धर्म देवी की गोद में उसके दोनों पुत्रों के अवस्थित होने का उल्लेख है। यक्षी दो भुजाओं से पुत्रों को सहारा दे रही है, तीसरी में आम्रलुम्बि प्रदर्शित है ओर चौथी सिंहवाहन की और मुड़ी है। स्पष्ट है, कि दक्षिण भारतीय परम्परा में आबलुम्बि के प्रदर्शन में 18 शाह, आइकनाग्रफी अम्बिका .., पृ० 147-118 10 नवेव, पृ० 148. बनर्जी, जितेन्द्रनाथ, नवलपमेन्ट आव हिन आइकनोग्रफी, कलकत्ता. 1956, पृ. 562. राव, टी. ए गोपीनाथ, एलिमेन्टूस ओव हिन्दू आइकनोग्रफी, ख. 1, मा. 2, बिल्ली, 1961, (पुनर्मुद्रित), पृ. 351-352. 10 रामचन्दन टी. एन , तिरुपरतिकुणरम एन्ड इट्स टेम्पस, बुलेटिन, प्रद्रास गवर्नमेन्ट म्यूजियम, ख.१. भा 3, मदास, 1935, प० 209 70 नदेव, पु० 209.
SR No.520753
Book TitleSambodhi 1974 Vol 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages397
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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