________________ गौतम पटेल 22 गीता 17-15. 23 गीता 2-56, 57. 5-10 24 गीता 2-1848 25 गीता ... 26 नु. 12-19 27 खु. 15-68 स तुल्यपुष्पाभरणो हि धीर / घु 16-14. 28 रघु 17-43 29 शाकु 528 30 यन अन वियुज्यन्त प्रजा स्निग्धन बन्धुना / स स पापादते तासा दुष्यन्त इति / / 31 गीता 12-13. शाकु-२३. त्वयि तु परिसमाप्त बन्धुकृत्य प्रजानाम् / 32 गीता 18-5833 गाकु 6- 1 34 गीता 18- 2 35 रघु 19-2. 36 नृसिह-शाकु 7-3 वामन मघ 61 राम रघु 10-44 कृष्ण मेघ 15. 37 रघु 8-16, 38 रघु 1-14. 39 खु१०-८४. 40 रघु 15-4 सरि गीता 4-8. 41 ग्घु 10-24 42 गीता 4-6. 43 रघु 10-31 44 गीता 3-22, 23, 24. 45 गाकु 5-7. 46 रघु 8-12 47 खु. 8-88 4 8 रघु. 4-19 49 गीता 7-8. 50 रघु 8-17 51 खु. 8-89. 52 गीता 2-27 53 तत्र त युनिसयोग लभ पौर्बदहिकम् / गीता 6-43 54 कुमार. 1-30 55 रघु 18-50 5 6 गाकु 5-2 57 रघु. 7-15. 58 रघु 1-66,67,6859 शाकु 6-15 60 गीता 18, 14 61 शाकु. 1-1,3-2,1-16, 4-0-7, 5-21, 6-8, 9-6-12-1. विक्रम 3-0-9, 4-2-11, 4-19-1, 4-47-1, 4-69, ५-१०-८,कुमार 5-1,4-10,4-31 खु. 8-46, 8-4762 गीता 18-61 63 खु.८-४६ 64 कुमार 3-50 65 गीता 5-13, 6-05 में 26 66 गीता 8-12 67 गीता 11, 18,8,3 68 गीता 13-23. 69 कुमार, 23-2-13. 70 गीता 4-24. | गीता 10-12 72 गीता 1-16 73 गीता 1-24. 74 गीता 9-17. 75 गीता 11-12. 76 गाता 11-30 77 गीता 15-15. 78 गीता 8-10 / ' 79 गीता 10-12, 80 गीता 11-18-18 13-12, 17-34. 81 कुमार. 3-4. 82 गीता 6-11 83 कुमार 3-45 84 गीता 6-12. 85 कुमार 3-45. 86 गीता 6-13. 87 कुमार 3-45. 88 गीता -13 89 कुमार 3-48. रघु 13-52 90 गीता 6-19 91 रघु 10- 6 92 रघु 10-19 93 गीता 11-38. 94 रघु. 10-10,9 95 गीता 18-61 96 रघु 10-21. 97 गीता 95-15. 98 रघु 10-03. 99 गीता 6-35 100 गीता 18-61 101 गीता 11-47. 102 गीता-१५-११ पाटीप 138 त्वय्यावशितचित्तानां त्वत्समर्पितकर्मणाम् / गतिस्त्व वीतरागा___णामभय.सन्नियत्तय रघु 10-27, तु० गीता 12-2, 9-27, 9-18, 8-16. 103 रघु 10-26. 104 गीता 13-25. 105 गीता 9-23 106 खु 10-29, 107 गीता 4-15, 1-4, 11-10 108 कुमार 2-4 से 15 तक 109 साम्य-→महल्युगपर्यन्तमहय प्रमाणो बिदु / रात्रि युगसहनान्ना तेऽहोरात्रविदो जना. / / गीता 81 110 कुमार 2-15 तुलना कीजीये गीता 13-19 से 23 तक। 111 रघु 10-38. 112 गीता-१५-10 113 खु 1-74 114 खु. 19-49 115 गीता 18-32. 116 पाक 7-24. 117 उच्छिष्टमपि चामेध्य भोजन तामसप्रियम् // गीता, 17-10. 118 खु 19-1. 19 भास्मात्मसघश सुकृतैर्गज्ञा त्वम् / शाकु 4-13. 120 कुमार, 6-10 121 पग्लोक् जुषा रवकर्मभिः गदयो भिग्नपथा हि बहिनाम् / रघु.८-८५.