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कनुभाई शेठ
कोई पण जाति [race] ना सांस्कृतिक इतिहासमा लोककथा एक अगत्यनो अंश छे, तृतस्वशास्त्री मने बघी मानव संस्था भए (Human institutes ) विविध कथाभोना विशाळ प्रमाणमां विकसित थता जीवन - इतिहासनो उपयोग पोतानी शोधनी समजण अर्थे करवो जोईए. जेटला वधु प्रमाणमा के संख्यामां her लोककथाने यथार्थ रीते समजशे तेटला प्रमाणमां एमनुं मानवनी समग्र बौद्धिक अने सौन्दर्यलक्षी जिन्दगी अंगेनु मंतव्य वधु स्पष्टतर भने वधु चोक्कस बनशे
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