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________________ लोककथा अध्ययननी ऐतिहासिक भौगोलिक पति न्तर परीकथा छे अने अमुक नथी ते तथ्य बजे रचना अथवा कथा-तत्त्वमा थयेला कया परिवर्तननी समजुती आपवानी रहे छे १ मा प्रश्ननो वस्तुलक्षी कसोटी करवी शक्य छे. अने ते कदाच' परीकथा अंगेनी समग्र विचारणा स्पष्ट करी मापशे. धेस्सेल स्की जेने कंईक पाछळना समयनुं भने विदग्धरूप [sophisticated form [कदाच रेनेशा करता प्राचीन नहीं एवं] घारे छ, अने वानस्योडो जेने सामान्य भारोपीयना आदिकालथी वारसागत रूप तरीके गणावे छे, ते बन्ने एक ब वस्तुनी वात नथी करता. रचना अने वस्तु परत्वे पुरता प्रमाणमां लक्ष मापवामा आव्यु होय एवा अनेक संशोधन माविमा बहार पडशे. ज्यारे लोककथाविदे कथाना जीवंत इतिहास अंगेना सर्व तथ्योनुं संशोधन करवा माटे, पोतानो बनतो प्रयास कयों होय छे त्यारे मनोविज्ञानी, समाजशासी भने नृतत्त्वशास्त्री माटे पूरतो अवकाश रहे छे. हालपर्यन्त मा शासनो लोककथा ने समजवा मर्थे अल्पप्रमाणमा उपयोग थयो छे. केमके मा प्रकारनां लोककथा अंगेना नथ्यो पण मल्प प्रमाणमा ज्ञात हता. ज्यारे प्राप्त सर्व रूपान्तरोना अभ्यास द्वारा लोककथाना मूळरूपर्नु अनुमान चोकसाईथी करवामां आव्यु होय त्यारे मानसशास्त्रो मानसशास्त्रना सिद्धान्त अनुसार मा मूळरूप विषे अनुमान करी शके छे. अने ज्यारे ते एक रूपान्तरथी अन्य रूपान्तरमा कयां कयां परिवर्तनो थया छे ते जाणे छे त्यारे ते मा परिवर्तनो मंगेनों कारणो नक्की करवानो प्रयास करे छे. एनी पासे अमुक कथामोनी, शुद्धता अने सूक्ष्मताथी गोठवेली, सर्व सामग्री होय छे. तो शु मा प्रमाणे प्राप्त थयेली भाधार-सामग्री मौखिक परिवर्तन अंगेना मान्द्रेना सिद्धान्तने यथार्थ ठेखे छ ? लोककथाविद्ने मानसशास्त्रीओ सहायभूत जणाया नहीं, केमके आ मानसशास्त्रीमो कांतो मा मौखिक परम्परानी पद्धति अंगे अज्ञ होय छे अथवा तो तेओए मा पद्धतिनो उपयोग कयों होतो नथी. हवे एवी अपेक्षा राखवामां आवे छे के कथाना मूळ अंगेनां अनुमानो आधुनिक अने मविशिष्ट रूपान्तरो पर आधार राखतां नहीं होय अने कथक पासेथी कथाना श्रोता सुघो कथा संक्रमण करे छे, ते दरम्यान एमो थयेला वास्तविक परिवर्तनो अंगे हवे उपलब्ध थती सर्व आधार सामग्रीने, स्मृति भने विस्मृति अंगेना अभ्यासने प्रायोगिक अनुभव उपरान्त, लक्षमा लेशे.
SR No.520753
Book TitleSambodhi 1974 Vol 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages397
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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