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________________ कुघलयमाला महाकथा आ. कामकथाओं में नं० (१), (२), (५), (२२) और (२३) को स्थान मिलता है । इ. धर्म कथाओं में न (७), (८), (११), (१२), (१३), (१५), (१७), (१९), (२०) और (२५) को लिया आ सकता है । (६) पात्रों का सामाजिक स्तर और कथा की अन्य विशेषताए अवान्तर कथाओं में मानव-समाज ओर मानवेतर प्राणियों के जिन विभिन्न स्तरों, जातियों इत्यादि से पात्रों का चयन किया गया है तथा उनके संघर्ष, धन्धे, कार्यकलाप और अन्य विशेषताओं का प्रतिपादन हुआ है उनका वर्गीकरण संक्षिप्त विवरण के साथ नीचे दिया जा रहा है। अ. ब्राह्मण कुलः (१) नटखट ब्राह्मणः ईयो और मत्सर का परिणाम, सुन्दर स्त्रियों के प्रति नौजवानों का आकर्षण, स्त्रीसौन्दर्य के भयस्थान, प्रेमी-युगलों के प्रति गैरसमझ, नटमंडलीका तमाशा, क्रोधावेश का फल, निर्दोष व्यक्ति की हत्या इत्यादि । (११) ब्राह्मण पुत्रः दुष्काल से सारे परिवार का नाश, विपत्ति में भटकना । (२४) गरीब ब्राह्मणः चोरो से जमीन में छुपा धन खोद निकालना । आ. क्षत्रिय कुल: (२) अभिमानी और विलासी ठाकुरः हठीला स्वभाव, तुच्छ बातों पर झगड़ा, पुलिंद एक लडाकू जाति, हठ के कारण निर्दोष लोगों की मृत्यु । (५) स्वच्छंद राजकुमारः वणिक-पुत्री से प्रेम-विवाह, दीर्घ काल तक दूर देश में पति द्वारा पत्नी से अलग रहने के परिणाम, प्रतिकूल परिस्थिति और माता द्वारा अपने शिशु को खो बैठना, उसके द्वारा राजकुल में दासी बनकर रहना, कामुक व्यक्ति स्त्री की हत्या पर उतारु इत्यादि । (१४) उदंडी राजकुमारः पर-पुरुष के मात्र संपर्क में आते ही स्त्री-चारित्र्य पर शंका, क्रोधावेश के परिणाम, गलतफहमी से साले की हत्या । (१५) राजकुमारीः शैशवावस्था में ही अपहरण, जंगल में मृगों के बीच में पालन-पोषण, पशुओं के साथ ही रहना, मनुष्य समाज से भय और उनको देखते ही भाग जाना।
SR No.520752
Book TitleSambodhi 1973 Vol 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1973
Total Pages417
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size14 MB
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