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सीयाहरण-राम
के-वि दीसहि कर-छिन्निय-पाया
के-वि फुरहि फुरुफुरिय निनाया ॥ मोग्गर-सर-कुतेहिं घाइय नरयंदा रुहिर-पवाह वहंती नञ्चति कर्यधा ॥१३२
कत्थइ दीसहि रुड-निकेरा
कत्थइ अगोवगह नियरा ॥ मस-रसालुद्धाओ सिव-निवह रडतो अधारिय-रण-भूमी नहे गिद्ध भमती ॥१३३
दस-दिसि भूय निनाय मुयती
वेयाला रक्खस नच्चती ॥ तावहँ सुग्गीवेण वज्झइ ईदइ-भ[12 A]ड भामडलि कुभयन्नो हणुयएँ धणवाहणु ॥१३४
इदइ घणवाणु कुंभयन्नो
वद्धा देक्खिवि भग्गउँ सेन्नू ॥ अवहत्थिय-रिउ-दप्पो स-परकम रामो रण-रस-वस-फुरियगो अवयरइ नहामो ॥१३५
तावतरि गलगज्जिय-वयणो
पणइ पवयगम दहवयणो ।। उच्छलियउ रण-रोलो आहेस-भरेणं अधारिय दिसि-निवहा नइ भवुहरेण ॥१३६
खुहिया नहे सुर खयर-नरिंदा
टलिटलिहूया गिरिवर-यंदा ॥ उत्थल्लउ जल-निवहो मेयणि फुटेइ कडयड तरु भज्जती भुवि-कपुढेइ ॥१३७
नइ तिहुयणु मिलि[य]उँ एगट्ठा
भय-भीया वन्नर सुर नट्ठा ।। १३२ १ छिनिय ३ मोगर १३३ १ कथा ६ मठे गिध १३४२ रखस १३५ १ कुभयमो २ देखिषि, सेनु १३६ ६ मए १३७ हुया ३ उथस्लमो. १३८ १ मिलेमो (0) १ धनर
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