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सीयाहरण रासु
आलग्गउ सगामो दोहिं पि वलाई हिंसिय गज्जिय धोरा हय-हरिय-भडाण ॥११९
तहि अप्फालिय तूर-धणाइ
क[10B]न्नि पडियउँ [न] सुम्मड काई ॥ उच्छलियउ रण-रोलो सहुँ धूलि-रवेण न-वि दीसइ पहरंतो सुहडो सुहडेण ॥१२०
रोस-महामर-भरिय भिडंती
उच्चारिय कुल-नाम मरती ॥ आवडिया कवि-सेन्ने भड हत्थ-पहत्था मुचंता सर-निवहे धणु-वाणा-हत्था ॥१२१
भग्गउँ वीहि वि वानर-सेन्न
मोसरियउँ दूरेण विसन्न । एत्थतरि नल-नीला वानर-सोडीरा उहि समुहा ताण वहु-रोस-सरीरा ॥१२२
जुज्झहि विन्नि-वि तुरयारूढा
नल-नीला सयलि-वि जगि रूढा ।। असि-मोग्गर-सर-कुता बहु-पहरण-लक्खहिं हत्थ-पहत्था विहया नल-नीलहि दक्खहिं ॥१२३
तावंतरि बहु-सुहडाहिट्ठिय
सुय-सारण-मारीवि समुट्ठिय ॥ जुज्झहि पह[11A]रिय रोसा समरगणि ते-वी मारिय सर-निवहेहिं नल-नीला वे-वी ॥१२४
हय-गय-रहवर-गण-सजुत्तउँ
रक्खस-सुहडहि किउ परहुत्तउँ ॥ ११८ १, संपत्तो , भासनो २ संपुमो ३ देखेउ ५ उपल्लो. ११९. १, पलाइ १. दोहि. १२०, १. ताहि अफालेय २ कमि, सुमइ ५ सह १२१. ३ सेने ४ हरपहया । ६. बाणा १२२ १ षीहि, सेन , २ भोसरे, विसनू १२३ १ सूरमा ३ मोगर : लोहि ५ हथपहथा ६ दहि १२५ १ रमभर २ रखस ।