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________________ सीयाहरण-रासु १३ 'अच्छहिँ कुसलहिँ राहव-लक्खण देवासुर-नर-नयणाणदण ॥ सामिणि चडि महु खधे गम्मइ आवासे जेण मुहुत्तह मज्झे नेमि राहव-पासे ॥८. तावुच्चइ सीयाए हणुउ वि 'अगि न लग्गइ महु नरु को-वि ॥ एक्कु जि मेल्लिवि रामो दसरथ-निव पुत्तो विहसिय-सयवत्ताभो सुललिय-गुणवतो ॥८१ नियमु लएविणु सीयाएवी जिण-सिद्धाइहिँ सक्खिकरेवी 'ज[इ] राहवह मिलेसु तो महु गिहि-धम्मो मह न मिलइ वय-गहणे तो स सेलउ () जम्मो' ॥८२ एत्थतरि सिरिसेल स-वहरि ऊपइयउ पुणु भजए नयरी ॥ चूरइ धवलहराइ घर-देउल-सिहरा पण्हि-पहार-भुयाहिं पाडइ पायारा ॥८३ वियरइ नदण-वणि कीडाए उम्मूलढ तरुयर लीलाए ॥ रामा-यणु तासेइ[7B] मोडए गय-खंभा तावह रावण-सुहडा धावहि” सारंभा ॥८४ सम-रथिउ तसु इंदइ धावइ हणुवंतो अप्पउँ वधावइ ॥ नीजइ रावण-पासे हणुयउ सुहडेहिं सभासइ दहह्वयणो निठुर-वयणेहिं ॥८५ कि रे हणुया तई बवहरिउ ज समाणिउ त वीसरिउ ॥ तुहुँ धुया-पइ होवी विलोसि दुचरियइँ अवस न जायउ पवणिं लक्खिज्जसि चरियईं ॥८६ ८० २ णदण ८१३ मेलिवि ८२. १ सीयाएता (1) २ सखि ३ मिलसु. ६ समेलमओ ८४ २ उमुलह ८५१ तमु २ पधाष १ हणयमो ८५१ ववहरेते. ३ तह ५ पुच्च ८६ ६ लम्नि
SR No.520751
Book TitleSambodhi 1972 Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages416
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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