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________________ सीयाहरण-रासु तक्खणे सीय-पलाव सुणेह विग्जाहरु तावहँ चिंतेइ ॥ 'का पुणु विलवए नारी एह करुण-सरेणं' जाव नियह जा दिट्ठा ता सीय खणेणं ॥३९ 'एह महु सामिहि भइणि निरुत्ती को पुण एहो अवहरइ तुरंती' ॥ ता पेच्छह दहयणो काम-सरहि विद्ध चिंतइ 'पर-तिय-हरणो एहो चोरु पसिद्धउ ॥४० अच्छउ सामि-पासि जाएवउँ एउ मई निय-पहु-कज्जु करेवउँ' एउ चिंतेवि मणेणं सो हकइ रावणु किर पत्तउ वेगेणं सीहह पचाणणु ॥४१ 'रे रे पाव हयास सुणेही कहि चल्लिउ हरेवि वहदेही ॥ एह राहव-[4B]वर-भज्जा मामडल-भइणी सोमित्तिहि भउजाया मम्हहँ पुणु पहुणी' ॥१२ एव भणिउ सो तसु आहिट्टइ निह गय-कलहु गइंदह दुकह ॥ विण्हि-वि वज्ज-सरीरा निय-जाणहि चडिया जुज्झहि पडिपहरेहि गुरु-मच्छर-भरिया ॥४३ एक्कु वलवं अनु समर-वियक्खणु तह-वि हु दससिरु पाडिउ तक्खणु ॥ सो जंपिज्जए तेण 'किर तुहुँ वलवंतउ कि पक्खहि पहरेण मुष्छा सपत्तउ' ॥४४ पुणरवि xx खेउ करेवी उट्ठाविउ दससिरु विजेवी ॥ 'किर तुहुँ रक्खसनाहो भरहद्ध[ह] सामिउ विजा-लद्ध-पयावो तह-वि हु ओहामिउ ॥४५ ३९ १ चितई ५ नियए ४०१ अवतरए । पेच्छए ५ वितए परितियहरणे २३ वरह ४३ १ आहिहए, ३ पिण्हिवि १. चडेया ४४१ पलव. ३. , , संपत्तामो. ४५३ रखस,
SR No.520751
Book TitleSambodhi 1972 Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages416
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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