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सीयाहरण-रासु
खरदूसण अनु चंदनहाए
अगरुहो भूसिउ विज्जाए ॥ पइसिउ वण-जालीए अ[2B]सि साहइ रन्ने लक्खणु तेत्थु पराओ सवुक्कासन्ने ॥१३
तावह तहि रवि-किरण-सहस्सु ।
देक्खइ लक्खणु खग्ग-पहासु ॥ त लेविणु हत्येहिं वाहिउ वण-जालिहि । छिन्निउ सिरु सवुक्का सिद्धउँ फळ आसिहि ॥१४
देखेविणु तहि सिरु रुहिरारुणु
चिंतइ लक्खणु 'किं एउ दारुणु ॥ अगणिय-सत्तु भवोहा गउ राहव-पासे | पणमिवि खग्ग-करग्गो साहइ वित्त से ॥१५
'विरुयउ भाइय पइँ किउ कजू
आवेसइ को गविसउ अज्जू' ॥ पत्थतरि तसु माया आवइ लेवि भत्तु । ता देक्खइ महि-वढे गय-जीविउ पुत्तु ॥१६
सा देक्खइ संवुक्कह मरण
रोयह चदनही अइ करुणं ॥ 'हा हा पुत्त स-ख्या गुण-निहि सवुक्का केण तुमं मारते मारेविणु मुक्का' ॥१७
पुणु पुणु रोयइ करुण-पलावे
सुमरती सवुक दुहावे ॥ वियलिय-सोगत्ताए लग्गिय पय-मग्गे 'केण पुणु महु पुत्तो पद्ववियउ सग्गे ॥१८
केत्तिय-मग्ग-गया सा देक्खइ
विन्नि कुमर कीडंता पेक्खइ ॥ पिच्छिवि काम-सरूवा सुरवर-सठाणा
चदनहिय स-वियारा सचलिया पाणा ॥१९ १३ १ चदमिहाए २ भुखिक : साहए ५ तथु. ६ संपुका १४. १. किरिण, देखइ ५ संपुका ६ सिद्धठ १५ २ चिन्तए ६ स १६ १ कज्जु, मञ्जु पुतह १७. २ यइ ३ सख्या १८ ६ पटवियमो नगे १९. २ पिनि.