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________________ इन्दौर डी.एच./६२ म.प्र. लाइसेन्स नं. एल-६२ मार्च १९७९ (पहले से डाक-व्यय चकाये बिना भेजने की स्वीकृति प्राप्त) M मेघ / पुरुष मेघ / पुरुष मेघ चार प्रकार के होते हैं एक | कुछ मेघ उपजाऊ भूमि पर. बरसने वाले होते हैं, ऊसर में बरसने वाले नहीं होते; दो | कुछ मेघ ऊसर में बरसने वाले होते हैं, उपजाऊ भूमि पर बरसने वाले नहीं होते; तीन / कुछ मेघ उपजाऊ भूमि पर भी बरसने वाले होते हैं और ऊसर पर भी बरसने वाले होते हैं; चार| कुछ मेघ न उपजाऊ भूमि पर बरसने वाले होते हैं और न ऊसर पर ही बरसने वाले होते हैं। इसी तरह पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं एक | कुछ पुरुष उपजाऊ भूमि पर बरसने वाले होते हैं, ऊसर पर बरसने वाले नहीं होते; दो | कुछ पुरुष ऊसर में बरसने वाले होते हैं, उपजाऊ भूमि पर बरसने वाले नहीं होते; तीन | कुछ पुरुष उपजाऊ भूमि पर बरसने वाले भी होते हैं, और ऊसर पर भी बरसने वाले होते हैं; चार कुछ पुरुष न उपजाऊ भूमि पर बरसने वाले होते हैं और न ऊसर पर ही बरसने वाले होते हैं। [श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी Jain Education International (राजस्थान द्वारा प्रचारित w ww.jaimelibrary.org
SR No.520604
Book TitleTirthankar 1978 11 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Jain
PublisherHira Bhaiyya Prakashan Indore
Publication Year1978
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tirthankar, & India
File Size6 MB
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