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-मुनि जयन्तविजय 'मधुकर'
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ज्योतिष एवं श्रीमद्राजेन्द्रसूरि राजेन्द्रसूरि का समकालीन भारत 'अभिधान-राजेन्द्र-कोश' : कुछ विशेषताएँ श्रीमदराजेन्द्रसूरि और पाँच तीर्थ साहिर्षि श्रीमदराजेन्द्रसूरि ।
-राजमल लोढ़ा
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-मदनल
१)
-मदनलाल जोशी
परिशिष्ट (१०३-१४)
१. श्री सौधर्मबृहत्तपागच्छीय आचार्य-परम्परा २. अभिधान-राजेन्द्र कोश : सन्दर्भ ग्रन्थ
३. श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वर के
विविध स्थानीय मूर्ति-लेख ४. “तीनथुई” सिद्धान्त का परिचय
५. श्रीमद्रराजेन्द्रसूरि के पद
शब्द-खण्ड (१०५-५२)
शब्द और भाषा
-उपाध्याय मुनि विद्यानन्द ११७
शब्द तारे, शब्द सहारे (कविता)
-भवानीप्रसाद मिश्र १२५ जैन दर्शन : पारिभाषिक शब्दों के माध्यम से -डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री १२६ हमारी कोश-परम्परा और 'अभिधान-राजेन्द्र' -इन्द्रमल भगवानजी १३२ जैन दर्शन में शब्द-मीमांसा
-डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री १३९ इम्तहान, रस-ग्रहण, संभावनाएँ, पछतावा (कविताएँ) -दिनकर सोनवलकर १४४ माध्यम नहीं हैं शब्द (गीत)
-नईम १४६
श्रीमद् राजेन्द्रसूरीश्वर-विशेषांक/५
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