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. परिशिष्ट ? : श्री सौधर्मबृहत्तपागच्छीय आचार्य-परम्परा
. सर्वश्री १. सुधर्मास्वामी, २. जम्बूस्वामी, ३. प्रभवस्वामी, ४. सय्यंभव स्वामी, ५. यशोभद्रसूरि, ६. संभूतिविजय, भद्रबाहुस्वामी; ७. स्थूलभद्र स्वामी, ८. आर्यसुहस्ती सूरि, आर्य महागिरि ; ९. सुस्थितसूरि, सुप्रतिबद्धसूरि; १०. इन्द्रदिन्नसूरि, ११. दिन्नसूरि, १२. सिंहगिरिसूरि, १३. वज्रस्वामी, १४. वज्रसेनसूरि, १५.चन्द्रसूरि, १६. समन्तभद्रसूरि, १७. वृद्धदेवसूरि, १८. प्रद्योतनसूरि, १९. मानदेवसूरि, २०. मानतुङ्गसूरि, २१. वीरसूरि, २२. जय देवसूरि, २३. देवानन्दसूरि, २४. विक्रम सूरि, २५. नरसिंहमूरि, २६. समुद्रसूरि, २७. मानदेवसूरि, २८. विबुधप्रभसूरि, २९. जयानन्द सूरि, ३०. रविप्रभसूरि, ३१. यशोदेवसूरि, ३२. प्रद्युम्नसूरि, ३३. मानदेवसूरि, ३४.विमल चन्द्रसूरि, ३५. उद्योतनसूरि, ३६. सर्वदेवसूरि, ३७. देवसूरि, ३८. सर्वदेवसूरि, ३९. यशोभद्रसूरि, नेमिचन्द्रसूरि; ४०. मुनिचन्द्रसूरि, ४१. अजितदेवसूरि, ४२. विजयसिंह सूरि, ४३. सोमप्रभसूरि, मणिरत्नसूरि; ४४. जगच्चन्द्रसूरि, ४५. देवेन्द्रसूरि, विद्यानन्दसूरि; ४६. धर्मघोषसूरि, ४७. सोमप्रभसूरि, ४८. सोमतिलकसूरि, ४९. देवसुन्दरसूरि, ५०. सोमसुन्दर सूरि, ५१. मुनिसुन्दरसूरि, ५२. रत्नशेखरसूरि, ५३. लक्ष्मीसागर सूरि, ५४.सुमतिसाधुसूरि, ५५. हेमविमलसूरि, ५६. आनन्द विमलसूरि, ५७. विजयदानसूरि, ५८. हीरविजयसूरि, ५९. विजयसेनसूरि, ६० विजयदेवसूरि, विजयसिंहसूरि, ६१. विजयप्रभसूरि, ६२. विजयरत्नसूरि, ६३. विजयक्षमासूरि, ६४. विजयदेवेन्द्रसूरि, ६५. विजयकल्याण सूरि, ६६. विजयप्रमोदसूरि, ६७. विजयभूपेन्द्रसूरि, ७०. विजययतीन्द्र सूरि ७१. विद्याचन्द्रसूरि ।
परिशिष्ट २ : अभिधान-राजेन्द्र-कोश : सन्दर्भ ग्रन्थ
१. अङ्ग-चूलिका, २. अणुत्तरोववाई सूत्र सटीक, ३. अनुयोगद्वार सूत्र मटीक, ४. अनेकान्तजय पताकावृत्ति विवरण, ५. अन्तगडदशाङ्ग सूत्र, ६. अष्टक' यशोविजयकृत सटीक, ७. आचाराङ्गसूत्र सटीक, ८. आवश्यकचणि, ९. आवश्यकमलयगिरि (प्रथम खण्ड), १०. आवश्यकमलयगिरि (द्वितीयखण्ड), ११. आतुरप्रत्याख्यान पयन्ना टीका, १२. आवश्यक कथा, १३. आवश्यक बृहत् वृत्ति, १४. उत्तराध्ययन सूत्र, १५. उपासकदशाङ्ग सूत्र सटीक, १६. उत्तराध्ययन नियुक्ति, १७. एकाक्षरीकोष, १८. ओघनियुक्ति सटीक, १९. औपपातिकसूत्र वृत्ति, २०. कर्मग्रन्थ सटीक, २१. कर्म प्रकृति सटीक, २२. कल्पसुबोधिका सटीक, २३. पाइयलच्छीनाममाला कोश, २४. गच्छाचारपयन्ना टीका, २५. चन्द्रप्रज्ञप्ति सूत्र सटीक, २६. जैन गायत्री व्याख्या, २७.
श्रीमद राजेन्द्रसूरीश्वर-विशेषांक/१०५
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