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जान्युआरी - २०२०
हार तणउ कहियओ प्रमाण, मोकलावी सुर पहुतउ ठाणि(ण) तुं कुंअर कुंडनपुरि गयउ, वामन वेस आषाढइ रह्यउ ॥१९१॥ नादपरिक्षा कारणि सहू, राजकुमर तेडाव्या सहू तउ वीणा मांगी वामणइ, कुंअरि आपइ करि तस तणइ ॥१९२॥ नाद तणउ कीधउ आरंभ, लीणा लोक थंभ्या जिम थंभ कुंअर(री) वरीयउ वर सुविसाल, प्रगट रूप थयउ श्रीपाल ॥१९३।। मकरकेतु मनि थयउ उछाह, परणाव्यउ चंपानउ राय दिन केता तसु मंदिर राउ, एक दिवस रयवाडी गयउ ॥१९४॥ . बाहिरपंथी दीठउ एक, बोलाव्यउ करी विवेक आवागमन कहउ तसु ठाण, कहि कौतुक तई दीठउ जाण ॥१९५॥ कुंडनपुरि अम्हारूं ठाम, हुं जाइसि पाटण पयठाणि कणयापुरमांहिं आवीयउ, कौतुग कहुं तउ तइं रहावीयउ ॥१९॥ विजयसेन कणयापुर धणी, कनकमाला राणी जस तणी त्रैलोक्यसुंदरि बेटी नाम, जाणे जगि अवतरीयउ काम ॥१९७॥
॥ वस्तु ॥ पहीय पभणइ, पहीय पभणइ, निसुणि नरनाह संवर मंडप मांडीयउ, राजकुमर अनेक मिलीआ कालिवइ वरसइ कुयरवर, तछ(त्थ)प(पे)खि अम्हे वि वलीया । सीपइ सुणियउ वसुवयण, मनि हूयउ उछरंग गगनि थई वेगई गयउ, वरवा नारि सुरंग ॥१९८॥
॥ चउपई ॥ तिहां कीधुं खुंधानुं रूप, मंडपि आव्यउ चंपा भूप लांबी दीठी टं(टुं)की नली, मोटु माथु ग्रीवा गली ॥१९९॥ उंची पूठिं पंजर सांकडु, रासभदंत वदन वांकडं उंचा नीचुं रचीयुं नाक, कपिल केस बिहुँ गाले झाक ।।२००।।
८४. तव बोल्यो अतिहिं सुजाण ॥