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________________ अनुसन्धान-७८ छइ' छपायुं छे. मध्यकालीन गुजराती भाषामा 'लिखीयइ छइ'' एवं रूप थाय. पृ. ६९ पर मिथ्यादृशो० श्लोकमां 'न वरं(राः)' छे, आमां 'वराः' एवो सुधारो दर्शाव्यो छे तेनी जरूर नथी. आ ज श्लोकना प्रथम चरणमां 'वरं' प्रयोग छे ज. 'वर'ने अहीं अव्यय गणवानो छे, विशेषण नहि. पृ. ७२ उपर नीचेथी छठ्ठी पंक्तिमां 'कल्पावती' कर्यु छे पण अहीं 'कल्पावता' जोईए. मंगलदीवाना गीतनी मूल रचना आ अंकमां प्रगट थई छे. वर्तमानमां प्रचलित मंगलदीवोनी कडीओ आ मूल कृतिमां देखाय छे. हालमां गायनना हेतुथी गीत संक्षिप्त करी देवामां आव्युं छे. जे रचना लोकजीभे गवाती होयप्रसारमा होय तेमां परिवर्तन सहज रीते थया करतुं होय छे; एवं ज मंगलदीवाना प्रचलित गीतमां थयुं छे. 'श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ स्तवन' एक दस्तावेजी रचना छे. कवि वीरविजयजी पासेथी आवी अनेक रचनाओ प्राप्त थई छे. तेमां एकनो उमेरो थाय छे. कडी ५ मां 'गुणनीलो' छे, त्यां 'गुणलीनो' पाठ साचो गणाय. गुणनिलो (गुणनिलय) भगवान होइ शके, ज्यारे 'गुणलीनो' भक्त होई शके. अहीं वात भक्तनी छे. वीरविजयजी जेवा समर्थ कविनी रचनामां प्रास तो अनायास बनी जाय. प्रथम चरणना 'नगीनो'नी साथे बीजा चरणना अन्ते 'लीनो' नो प्रास बने छे. प्राचीन कृतिना सम्पादनमां आ दृष्टिए पण पाठनी समीक्षा थवी जोइए. 'करमबत्तीसी' अने बे स्तवनोनी भाषामां अशुद्धता जणाय छे, परन्तु ते समये अने ते प्रांतमां आवा ज उच्चार थता हशे, ए दृष्टिए आ पाठ शुद्ध ज गणाय. सम्पादक आवा पाठोने 'सुधारी' न शके. कडी १३मां 'मारण माड्यो पणि नवि मूक्यो' - आ पाठनो अर्थ संगत थतो नथी. सम्पादकने अहीं शंका पडवी जोइए; अन्य नकल तपासवी जोइए. संभव छे के बीजी प्रतिमां साचो पाठ मली जाय. अन्य प्रति न मळे तो, विषयनो सम्बन्ध, भाषा, प्रास वगेरे बिंदुओने ध्यानमा राखी शुद्ध पाठ शुं होई शके ते विचारवं जोइए अने ते पाठ वाचनामां कौंसमां सूचववो जोइए. अहीं कथानो सम्बन्ध एवो छे के शेठ दमनकने मारवा लाग्या पण ए मर्यो नहि; ए वातना आधारे 'मूक्यो' शब्द अहीं खोटो ठरे छे. तेनी जग्याए 'मूओ' शब्द सुसंगत बने. वाचनामां अहीं सुधारो सूचववो १. प्रतिगत पाठ 'लिखीय' एवो छे. 'लिखीय' ए 'लखीए'नु ज रूप होवानुं समजाय छे.
SR No.520580
Book TitleAnusandhan 2019 10 SrNo 78
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2019
Total Pages98
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size7 MB
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