SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 56
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ओक्टोबर - २०१९ कहो मुख६ कुण गणिकातणों, चुंबइ चतुर सुजाण मो० जे जूठिल जिमण जिस्युं, चुंबइ चतुर सुजाण मो० ॥८॥ म० मदिरा नई मांसिं घj, मलिन थयां मुख जास मो० नगरतणी ए नायका, द्रव्यतणी जे दासि(स) मो० ॥९॥ म० कोयक आवि कोढीओ, लेई बहुला दाम मो० लोभणि तेहनि लालचिं, कहि तुं माहरि काम मो० ॥१०॥ म० धन देखि ८तां धाईनि, लंपटि लागि लार मो० कनक वधु कपटणि घj, दुरगतिनी दातार मो० ॥११॥ म० मुंहिनी मीठी मानिनी, जूठी मननी जेह मो० सुंदरि स्वारथनी सगी, झटकि देखाडि छेह मो० ॥१२॥ म० दस दस दिहाडी बुझवइ, देई इम उपदेश मो० वीर कह्नई सवि मोकलि, लेवा व्रत ऋषि वेस मो० ॥१२(१३)॥ म० इणिपरि बूझवतां थकां, बार वरसनि छेह मो० एक दिनि नव प्रतिबूझव्या, दसमु आव्यो जेह मो० ॥१३(१४)।। म० ते दुरबोध बूझइ नहीं, सोनिडो शठ जाति मो० न्यान कहि नवमी ढालमां, जाति दीसइ भाति मो० ॥१४(१५)। म० दूहा ॥ साहमी आणइं चोअणा, पणि नवि बूझ्इ सोय दुरमुख डुहरी लाविनि, वालि वचन त्ति कोय ॥१॥ महिला मंदिरमांहिथी, पोरिसि पहुती जाम वेला भोजननी थई, आवीनिं कहि ताम ॥२॥ जीवन प्रांण जिमणभणी, असुर करो का एम पोरस उपरि दिन चवेरा, हवई पिउ पारो नेम ॥३॥ ६६. सुख - क। ६७. सोभागी आव्या भले, पिउं तुमस्युं अमारें काम मो० ॥१०॥ - अ ६८. तिहां - अ। ६९. चोजणा - क, चोयणा - उ । ७०. समझे - अ-उ, समझै - ब-क ।
SR No.520580
Book TitleAnusandhan 2019 10 SrNo 78
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2019
Total Pages98
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy