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________________ ओक्टोबर - २०१९ ३३ जेना पत्र - ९ छे. क → प्रतिनी झेरोक्स - ला.भे.सु. ११३३७ नी छे, जेना पत्र - १३ छे. उपरोक्त - मूल प्रति अने अ-ब-क संज्ञक - झेरोक्स प्रति पू. आ. .. श्री विजयशीलचन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. द्वारा प्राप्त थई छे. अने . ड → प्रतिनी झेरोक्स - श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र - कोबा, आ. श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर द्वारा प्राप्त थई छे, जेना ऊपर - 'प्रति नंबर - ९१२८'- 'नंदिषेण मुनि चौपाइ' लखेल छे. जेना पत्र - ९ छे. __ प्रति-झेरोक्स आपवा बदल सहुनो आभार. * क - संज्ञक प्रत प्रायः मूल प्रत साथे मळती छे. हा, हुस्व इकार के दीर्घ ईकार व. मां फेरफार छे. * अ - अने ड - प्रतमां इ अंतवाळा प्रयोग अइं रूपे छे. दा.त. करी ना स्थाने करई रूपे छे. ब - प्रतमां इ ना अंतवाळा प्राये ऐकारान्त रूपे छे. दा.त. करी ना स्थाने करै - छे. * मूळ प्रतमा घणां स्थाने त ना स्थाने त देखाय छे. दा.त. ते ना स्थाने त्ते छे, ए बधा स्थाने त करेल छे. भाषाप्रयोग बधी प्रतमां अलग अलग मळे छे, दा.त. अणओदरि - बीजामां अणउदरि - त्रीजामां अणोदरि. उयारणि - उवारणी - उवारणा.... आवा प्रयोगभेद शब्दोमां घणा छे जे नोंध्या नथी. तेमांथी वाचनामां मूळ प्रतनो ज शब्द राख्यो छे. हा, एमां अर्थभेद होय तो ते नोंध्या छे- पाठभेदमां नीचे. वळी जे पाठभेद खोटो लाग्यो ते पण नोंध्यो नथी. एकज चरणमा आगळ-पाछळ शब्द लखायेला छे ते नोंध्या नथी तात्पर्य ___ ज्यां एकज कहेवा मांगे छे तेनी नोंध लखवी जरूरी न लागी तेथी छोडी * अ-ब-क प्रतमां क्यांक पंक्ति के चरण आगळ-पाछळ गाथामां जोवा मळे
SR No.520580
Book TitleAnusandhan 2019 10 SrNo 78
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2019
Total Pages98
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size7 MB
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