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________________ ३२ अनुसन्धान-७८ श्रीनंदिषेण रास - सं. सा. दीप्तिप्रज्ञाश्री अंचलगच्छना श्री गजसागरसूरि - ललितसागर - माणिक्यसागर शिष्य ज्ञानसागर, जेमणे १८मी सदीना प्रारम्भे अनेक महापुरुषना रासनी रचना करेली. 'जैन गूर्जर कविओ - भाग-४'मां - शुकराजरास, धम्मिलरास, इलाचीकुमार रास, श्री शान्तिनाथ रास, चित्रसंभूति चोपाइ, धन्नाकाबंदी अणगार स्वाध्याय, रामचन्द्रलेख, आषाढाभूति रास, परदेशीराजा रास, नन्दिषेण रास, श्रीपाल रास, आर्द्रकुमार रास, सनत्चक्रीरास, शाम्बप्रद्युम्नरासं, तथा चोविशी, स्थूलभद्र नवरसो, अने अनेक स्तवन गीत वगेरे कृतिओ तेमना नामे नोंधाई छे. जेमांनी एक अप्रगट रचना 'श्रीनन्दिषेण रास'नी अहीं पांच प्रतिना आधारे वाचना तैयार करी छे. सं. १७२५ मां आ रासनी रचना कविश्रीए राजनगरमां कार्तक वद८ना दिवसे कर्यानो उल्लेख छेल्ली ढाळमां छे. १६ ढाळमां पथरायेल आ रासनी गाथा (गणतां) २८४ छे, अने ग्रंथाग्र ४२१ श्लोक प्रमाण छे. . पांच प्रतिमां एक हस्तप्रत छे, जे सं. १७३३मां उसमांपुर (अमदावादनुं आजनुं उस्मानपुरा होइ शके)मां उपा. श्री अमृतविजय गणिना शिष्य ग. श्री दीप्तिविजयना हाथे लखायेली छे, जेनो पाठ मान्य राखेल छे. (आदर्श प्रति तरीके राखी छे) जेना पत्र-१७ छे, अक्षर मोटा ने सुवाच्य छे. एमां छेल्ली (१६मी) ढालनी - ९ गाथा रही गयानुं हांसियामां लखेल छे 'गाथा ६-७-८-९ अने १११२-१३-१४-१५मी गाथा रही हुती ते लखी छइ' अने पत्र १७मुं पूरुं थाय छे. शक्य छे ए गाथाओ बीजा पछीना पत्र पर लखी हशे परन्तु ग्रन्थ पूर्ण समजी ए पत्र आमां नहि सचवायुं होय, माटे ए गाथाआ [ ]मां क संज्ञक प्रतिमांथी लई नोंधी छे. बाकीनी ४ प्रति झेरोक्स छे. जेने अ-ब-क-ड संज्ञा राखी तेना जरूरी/ योग्य पाठभेद नोंध्या छे. अ → प्रतिनी झेरोक्स - ला.भे.सू. - १८०६३ नी छे, जेना पत्र-७ छे. . ब → प्रतिनी झेरोक्स - ला.भे.सू. - ६४१७ (ला.द.भे. सुरक्षा)नी छे,
SR No.520580
Book TitleAnusandhan 2019 10 SrNo 78
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2019
Total Pages98
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size7 MB
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