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जान्युआरी- २०१९
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दोष विचारइ निशिभोजन तणा रे
पनरई करमादान नियम चीतारइ दसचिउ आगला रे
हीयडई अरिहंत ध्यान... कर्म न... अंग संकोडी तिहां बईसी रह्या रे
जिहां लगि वोली राति दैव खमावई ते प्राणी खमई रे
सुहातउ न सुहात... कर्म न... ढाल छठी ओ बीजा खंड तणी रे
कहइ कवियण सुविचार धर्म चीतारइ जे परवसि पड्या रे
हूं तिणरी बलिहार... कर्म न..
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दूहा
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इम करता रजनी गई पद्युत हुउ प्रभात उदया रवि पूरव दिसि सहस किरण संघात... ऊठी चली तिहांथी सती जाई चडी गिरशंग गुफा ओक सखरी ग्रही रहिवा कारणी रंग... २०६ जां लग इहां बइठी रहूं जां लगइ गर्भ विराम वार पीउं वनफूल भजु साधु आतम काम... ओम विमासी तिहां रही अंजना चतुर सुजाण खजमति दासी बहूं करइ पासिं जीव बंधाण...
___ढाल - चूनडीलु - ७, राग - गोडी वनमिरि शिर रहतां थकां पुहता गर्भ पूरा मास रे मन हर्ष घणइ संतोषस्युं अति निरुपम लील विलास रे. २०९ सुत सखरो निकउ जाइउ तन दिनकर तेज प्रताप रे जिणणी चित्त लागो. मेरुस्यउ हिवई पूजेसई मन आस रे. २१० सु० वेग करी दासी तिहां सुखशज्या भूमि रचंति रे अति कोमल पल्लव आणिनइ वली फूल घणां पथरंति रे. २११ सु०
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