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अनुसन्धान-७५(२)
ढाल - १५, अरिहंत सूग्यानी साहब मेरा वे - ए देशी । ईंण अवसर जयसुंदरी प्रभूसूं करे अरदास, विगर खूनी खून चढीओ कुमरनें पुठि राखो जई पास के... १ कुंअरी मनस्यूं छिते बे(छ) बाहमें लालक बांण के, कुयरी चालें बे कानें मोती दिछे लाल के, हाथमें बरछी झलकें
____ ए आंकणि १ कुसंभल पाग सिर परि बांधी कीलंगी स्यूं कसबि बंध, मोटें पन्ने कसबी वागो पहियो रुडें भिडाव्यो छे बंध के... छुटा केस केसूंधा परिमल धुमति चाति दृढ कराय, विपरीत अश्व पलाण मंडावी चढी कुमरी चलाय के... हलूई हलूई घोडो खोलावती माननि मदमतवाली, हाथमें बरसी तोलावती मेलई घोडो वाग उलालि के... हयगय नर जिहां बहु मलिया किणहि माहि न जवाय, दखिणी पवनें बादल उडाडत तिम वल्लभ स्यूं मिल्यो धाय के... ५ आवत देखी कहें को ठकुरालो के कोई देवासि नर होय, निजर देखीत अलगा रहवें मूजरो करीवि छै जोय के... अभ्यंतरु परषदमें आवे तुरत उतरें त्याहिं, कुमरनें त्रण्य प्रदिक्षणा देई करें सलाम त्याहि के... त्रण्य वार ताजीम करीनें तुरत थई असवार, ज्युं आव्यो त्युं अस्व चलायो न करी ढील लिगार के... ८ ठिकाणे तिहां जइनें पहोती पहिरें पूरव वेश, परषदमें राय सहु निरखें कोणे को प्रवेश के... अजांण थई राय पाछलि मेलें दोय चलावे, घोडा जेह जिहां होइं तिहांथी बोलाय ल्यावो के. न मेलो अह के. १० पनरमि ढाल भली परिं दाखि पून्य करो सहाय, कुंयर कलंक ईहां उतरस्य चतुरसागर सुख थाय के... ११