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________________ सप्टेम्बर - २०१८ ३०५ मदनकुमार कहें बांधव करो तुम्हो लीला, तुम्हारो काम नहिं छे इहां किण, भोगवस्ये खूनीयई केला. साछु... ४ । ओक अकनें तरस्यें सनेही, गायें जिम घन मोरा, परस्पर ओक ओक माथे लेवें, कहें वालेसर नही काम ज तोरा. साछु...५ दोनू घ(झ)गड करता आरक्षक लिख्यो नवी जाइं, दोनू आगल करीने चालें भरिय सभाम्हें आवे. साछु... पूरी जन प्रबल मिलिओ जोवा मिलिओ राणो राण, तेणे अवसर राजा चढीओ आवें मांडि थई अजाण. साछु... अधीपति सिंघासण राजें मंत्री समीप विराजें सर्ग सभा बूवीपीठमां आणि इंद्र थकी अधिकी छाजें. साछु... ८ अजाण थयीनें पू0 नागर जन किम मिलिओ सवेरो, श्याम चोरी झल्याणो कुयर आगलि उभो भलेरो. साछु... नयण निहालि जोवें राजा दोयण उभा सूरा, उठिता जिम करि कहें इंम खूनीय छु प्रभु तोरा. साछु... क्रूर निजर करी अवलोकें कोमां से सहि तक्षीरी(?), चतुरसागर कहें चउदमी ढालें कुमर ज चरम शरीरी. साछु... ११ दूहा अजितसेन विचक्षण थको वेधक लहें विचार, सूली तिहां तैयार ज करें कहें लोक थास्यें हाहाकार... १ वप्रत्रइनी रचना करे नरभ्यंतर हाथोहाथा जोडि, मध्य अश्व बाध्या गज परघि बाध्याथी नावें मध्यको दोड... २ माणस लाख गमे मिल्यूं मध्य बाह्य जिहां तीहां न जवाय, खेतरवा भूमि बांधी करी आकलिन करी पू, राय... मदन कहें स्यूं पूछीइं गुन कर्यो , आज, मन मांने सो कीजीइं छमाउ ओ छु महाराज... कुअर विछे देवदत्त ज कहें गहन कर्या म्हें हजार, मदन तणों वंक जरा नथी ईम झगड करें घडी विचार... ५
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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