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अनुसन्धान-७५(२)
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सखी मोरी अलंग बिरुद माथई वहई
सूरवीर दातार हे... स.. सखी मोरी अहवा अणुअर जानीया
सारीखा सुविचार हे...स सखी मोरी वरघोडई चढि चालीउ
पूंठि बहू परिवार हे... स सखी मोरी सोहव गावई सोहला
नाटिक पडई अपार हे...स सखी मोरी धुरइ नीसांण सुहमणां
नफेरी चहचाट हे... स सखी मोरी सहिर सकल सिणगारीया
___ मिलीयां माणस थाट हे... स सखी मोरी पुर बाहिर डेरा दिया
___ ऊतरिआ सहू जाय हे... स सखी मोरी नरनारी अनुक्रम तिहां
आवी ओकत्र थाय हे... स सखी मोरी चोथी ढाल सुहामणी
सुणतां वाधई नेह हे... स सखी मोरी वली विशेष मीठी घj...
अणपरण्यांनई ओह हे... स सखी मोरी जान चलई आडंबरई...
दूहा जान चढी उतावली दम गाली क्षण अक जाणे रतिरस लेणनई चाल्यो मयण सुठेक. कुमरी वर तरुमालती यौवन मास वसंत कीरति कुसुम सुवास अति मधुकर महंत. वाटघाट लंघी करी कुशलेखेमई राय अंजनपुर जई ऊतर्या आणंद अंग न माय.
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