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________________ २५८ अनुसन्धान-७५(२) सोभई सखरा जैन प्रसाद दंडकलसधज घंटानाद सतरभेद पूजा मंडाण बइठी निरखे राणो राणी. ठामि ठामि बहु सत्राकार निरधन लोक लहइ आधार सूधा श्रावक दीन दयाल साचा धर्म तणा प्रतिपाल महानुभाव घणा महातमा जिणरउ निर्मल छइ आतमा आप तरइ परनइ तारवइ पंचाचार सदा चालवइ. वसई वरण अढार सुखी न करइ को किणनई तिहां दुखी दीठई मारगि चालई सह परघल पुण्य करई ते बहु वणिक तणी चोरासी न्याति वरणी वरण तणी बहु भाति तिण करि नगरी सोभई घणुं सरग तणी उपमा गणुं मोटउ दीसइ अति मंडाण जोअण बार तणुं परिमाण पालई राज पल्हादनराय अरिअण करेउ काल कहाय राजनीतस्युं पालई राज देसवतांमई सबली लाज न्यायघंट बंधावी बारि आ(सा?)री विण को न कहई मारी. २५ कबरीबंध लहई स्त्रीतणी बीजो को न पडइ बंधणी देवल ऊपरि दंड ज होय राजा दंड न जाणइ कोय पटराणी तसु पदमावती सील गुणे करी सीता सती अपछर रंभारी अणुहारी आपवसई कीधो भरतार अस्त्री तिणरउ जनम प्रमाण जिणरउ प्रीउ न लोपइ आण चालइ चतुरपणइ चमकती कुलरी रीति न लोपइ रती सासु सुसरस्युं हित धरइ जेठ देवरनइं देख्यां ठरइ नणदल आवइ हरख अपार ते कुलवंती कहीइ नारि पद्मावती अहवी पटराणी प्रसव्यो पुत्र रयणरी खाणि । लीला लहिर तणो भण्डार दीसइ रूपइ देवकुमार ३० पवनंजय प्रगट्यो अभिराम दिन दिन दीपइ अधिको वान मंत्री सुत छई ऋषभदत्त तिणस्युं रंगरमइ इंकचित्त ३१ पहिली रामगिरी ओ ढाल सांभळता घरि मंगलमालि सहु को श्रावक सुणिज्यो मिली आगलि वात मीठी छई वली ३२
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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