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________________ सप्टेम्बर - २०१८ ११७ (वर्षावास) १३४. अणुजाणीय = अनुज्ञा करावी १६७. चंदवडिस = चंद्रावतंसक (नाम) १३५. गिलाणवासि = ग्लानपणाथी १६८. साकेइ = साकेतपुर (नाम) १३६. दिप्पंतिय = दीपति १६९. ठावय = ठावे, (स्थापे छे, ले छे) १३७. सरसु = समान १७०. घल्लइ = घाले छे १३८. मन्नंतउ = मानतो १७१. धणवइ = धनपति (नायक) १३९. परिभवइ = पराभव पमाडे १७२. असद्दहंत = श्रद्धा न करतो १४०. घणसद्द = मेघनो गडगडाट १७३. परक्खिय = परिक्षा करी १४१. चउसाल = शाळा(?) १७४. दक्खिय = दाखवी १४२. तेउ = तेजो (लेश्या) १७५. अग्गइ = आगलो १४३. विचि = वच्चे १७६. अलहंतउ = न पामतो १४४. नाहियवादि = नास्तिक वादवाळो । १७७. इटोल = इंटाळा १४५. पएसी = प्रदेशी (नाम) १७८. वरसालउ = वरसादनो समय १४६. अप्पउ = आत्मा १४७. सोहिउ = शुद्ध कर्यो १७९. मुंड-तुंड = माथु-दाढीमूंछ १४८. माउल = मामा १८०. मुंडेवि = मुंडावी १४९. जन्नह = जन्मनुं १८१. विलगउ = वलग्यो १५०. अंगमिय = अवगणीने (?) १८२. तह = तथा १५१. परिवायग = परिव्राजक १८३. लाधीय = पाम्यो १५२. सरिसउ = समान १८४. कुसथलि = कुशस्थल पुरी (नाम) १५३. लिवारइ = लेवडावे छे । १८५. घोरिहि = घोर पुरुष वडे १५४. फुड = स्पष्ट १८६. पुरफुरंत = टळवळतो १५५. तउ = तो १८७. दिप्पंतउ = दीपतुं १५६. संख = शाखा(?) १८८. संभरण = स्मरण १५७. तहि = त्यां १८९. अक्कोस = आक्रोश १५८. खयर = खेचर १९०. वह = वध १५९. चंचहिय = चंचाधिव १९१. वीरासण = वीरासन (नाम) १६०. पुलिउ = दोड्यो १९२. पच्चारिय = शत्रू (?) १६१. धंधलु (धंधलु) = धमाल (धांधल) १९३. कड्डाविउ = कढाव्यो १६२. समीहओ = ? १९४. जिणकप्प = जिनकल्प १६३. वारत्तय = वारित (नाम) १९५. कंतीपुरी = कांतिपुरी (नाम) १६४. पु(प)ज्जोय = प्रद्योत (नाम) १९६. दीरघसिङ = दीर्घ (नाम) १६५. नेमित्तिउ = नैमित्तिक १९७. मयणातुरि = मदनथी व्याकुल १६६. मालिनकर = मालिन्यने करनारुं १९८. दक्खइ = दक्ष
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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