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________________ ४२ अनुसन्धान-७५(१) पूर्वे थई गयेला प्रवर्तक कान्तिविजयजी अने चतुरविजयजी महाराज जेवा आ क्षेत्रना अनुभवी विद्वानोना मार्गदर्शन नीचे तैयार थयेल मुनि पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर) अने मुनि जिनविजयजी (पुरातत्त्वाचार्य) वगेरे जीवनभर करेलु संशोधन-सम्पादन- कार्य पण देश-विदेशना विद्वानोमां जाणीतुं छे. 'अनुसन्धान' सामयिकनुं महत्त्व वर्णवता पहेलां आटली भूमिका अटला माटे करी छे के आजथी ९८ वर्ष पहेला जैन इतिहास, साहित्य अने तत्त्वज्ञान जेवा विविध विषयो- अभ्यासपूर्ण संशोधन करीने 'जैन साहित्य संशोधक नामर्नु अनियतकालीन सामयिक प्रगट करवानुं साहस पुरातत्त्वाचार्य तरीके जाणीता मुनि जिनविजयजीओ पूना शहेरथी शरु कर्यु हतुं. तेनुं प्रकाशन 'जैन साहित्य संशोधक समाज' पूनाथी थतुं हतुं. संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी, गुजराती अने अंग्रेजी भाषाना मननीय निबन्धो तेमां प्रगट थता हता. हर्मन जेकोबी जेवा जर्मन विद्वानोनां लखाणोना अनुवादो तथा पण्डित सुखलालजी, पण्डित बेचरदासजी, जिनविजयजी जेवाना मननीय लेखोथी तेना दरेक अङ्को समृद्ध हता. आवां विद्वद्भोग्य सामयिको चलाववा ओ केटलुं अघळं काम होय छे ते तो ओना सम्पादको अने प्रकाशको ज जाणे छे. ई.स. १९२०मां शरु थयेल आ 'जैन साहित्य संशोधक ना ई.स. १९२८ सुधीमां अनियमितरूपे मात्र १२ अङ्को प्रकाशित थई शक्या. पुरातत्त्वाचार्य जिनविजयजी द्वारा सम्पादित थयेला ओ अङ्को आजे पण जिज्ञासु वाचकोनी ज्ञानसमृद्धि वधारे ओवा छे. 'अनुसन्धान' – जाणे के 'जैन साहित्य संशोधक'नो नवो अवतार ! भारतनी प्रतिष्ठित संस्थाओ गांधीजीनी 'गुजरात विद्यापीठ', टागोरनुं 'शान्तिनिकेतन' तथा क. मा. मुनशीजीना 'भारतीय विद्याभवन' साथे वर्षों सुधी घनिष्ठ रीते संकळायेला पुरातत्त्वाचार्य जिनविजयजीना हाथ नीचे तैयार थयेल अनेक विद्वानोओ जैन साहित्यना विविध ग्रन्थो उपर पीएच.डी.ना शोधनिबन्धो तैयार कर्या हता. तेमांना अक विद्यार्थी अटले 'अनुसन्धान' सामयिकना आद्य सम्पादक अने प्रेरक श्री हरिवल्लभ भायाणी. __जिनविजयजीना सान्निध्यमां रहीने प्राकृत अने अपभ्रंश भाषाना जैन साहित्यनो अभ्यास करनार श्री हरिवल्लभ भायाणी कविराज स्वयम्भूदेव रचित 'पउमचरिउ' (अपभ्रंश भाषामां लखायेल जैन रामायण) उपर पीएच.डी. करेलुं,
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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